संतोष मरकाम ब्यूरो प्रमुख बस्तर संभाग- कर्नाटक राज्य के भटकल में अखिल भारतीय गोंडवाना गोंडी साहित्य परिषद द्वारा तीन दिवसीय राष्ट्रीय साहित्य सम्मेलन सह सम्मान समारोह का आयोजन 27 से 29 दिसंबर को किया गया, सम्मेलन में देश भर के साहित्यकारों ने अपने विभिन्न रचनाओं का वाचन कर साहित्यिक गतिविधियों पर विचार-विमर्श किया गया तथा समुदाय के लिए अलग-अलग क्षेत्र व विधाओं में विशिष्ट योगदान देने वालों का सम्मान किया गया।
भटकल में आयोजित इस राष्ट्रीय सम्मेलन में कांकेर जिला निवासी अश्वनी कांगे का भी सम्मान किया गया। उन्हें यह सम्मान उनके द्वारा देश भर में विभिन्न कार्यशाला व संगोष्ठियों के माध्यम से संवैधानिक अधिकारों के प्रति जन समुदाय में जागरूकता लाने के लिए किये जा रहे विशिष्ट कार्य तथा समुदाय के प्रति समर्पण के लिए *"संविधान पुरुष ठाकुर रामप्रसाद पोटाई राष्ट्रीय सम्मान"* से सम्मानित किया गया।
विदित हो कि अश्विनी कांगे विगत 24-25 वर्ष से लगातार देश भर के संवैधानिक अधिकारों के लिए कार्य करने वाले संगठनों के साथ समन्वय बनाकर जागरूक के लिए कार्य कर रहे हैं, देश के पांचवीं अनुसूची वाले विभिन्न राज्यों के पेसा नियमावली को बनाने में उनकी भूमिका प्रमुख रही है साथ ही छत्तीसगढ़ शासन द्वारा वनाधिकार मान्यता कानून के क्रियान्वयन हेतु बनायी गई मार्गदर्शिका के निर्माण में भी प्रमुख योगदान दिये हैं, पूर्व में छत्तीसगढ़ के राज्यपाल के कानूनी सलाहकार के रुप में सेवा दे चुके कांगे पर्यावरण संरक्षण व सामुदायिक वन संसाधनों के प्रबंधन के क्षेत्र में भी कार्य करते हुए ग्रामसभाओं को सशक्त बनाने में सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं।
उनके महत्वपूर्ण योगदान को दृष्टिगत रखते हुए परिषद् के राष्ट्रीय अध्यक्ष बी.एल.कोर्राम कर्नाटक राज्य के अध्यक्ष डॉ.के.एम. मैत्री तथा कार्यक्रम संयोजक राम गोंड के हाथों सम्मानित किया गया।
अखिल भारतीय गोंड आदिवासी संघ कर्नाटक के मेजबानी में आयोजित इस कार्यक्रम में देश भर के लेखक, कवि, साहित्यकार, गीतकार, गायक, शोधार्थी तथा बड़ी संख्या में सामाजिक प्रमुख उपस्थित रहे।
अश्वनी कांगे को "संविधान पुरुष ठाकुर रामप्रसाद पोटाई राष्ट्रीय सम्मान" मिलने पर शुभचिंतकों ने बधाई दी है।
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