मन्नू साहू / विवेक साहू नरहरपुर :- छत्तीसगढ़ी फिल्म निर्माण के क्षेत्र में एक नया पदार्पण है गुडलक फिल्म्स एंटरटेनमेंट, जिसके बैनर तले निर्मित पहली छत्तीसगढ़ी फिल्म दस्तावेज एक पन्ने की कहानी का दर्शको को बेसब्री से इंतजार है। इसके गीत संगीत के प्रति दीवानगी अपने चरम पर है और फिल्म का एक गीत हृदय के बात पर ही, 1 लाख के करीब बन चुकी है और यूट्यूब पर 18 लाख लोग देख चुके है।सच्ची घटनाओ से प्रेरित है फिल्मफिल्म एक सच्ची घटना से प्रेरित है फिल्म में नगर पंचायत के एक क्लर्क की पूरी कहानी है जो की सरकारी कार्य से सम्बंधित दस्तावेज से उलझने और उससे होने वाली तकलीफ को दिखाती है। दस्तावेज फिल्म के फिल्म के निर्माता सौरभ बरडिया की पारी की भी यह पहली फिल्म है। दस्तावेज में छत्तीसगढ़ के ग्राम जीवन की असल खुशबू है जिससे सिनेमा घर की पूरी स्क्रीन प्रेरणा एवं भावनाओ से भर जाती है नए कलाकारों के शीर्ष स्तर के अभिनव की भावनात्मक कहानी है, फिल्म दस्तावेज प्रेम, उत्साह, हंसी ठिठोली जैसे कई सूत्रों से फिल्म पुरे समय दर्शकों को बांधे रखती है।
उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि आगामी 18 अक्टूबर 2024 को सम्पूर्ण प्रदेश के सभी प्रमुख सिनेमाघरों में फिल्म एक साथ रिलीज की जाएगी ।फिल्म के प्रमोटर मंगलमूर्ति ने बताया की खुशनुमा ग्रामीण जीवन और गांव की चुनौतियाँ पर फिल्म दस्तावेज की शूटिंग कांकेर के नरहरपुर ब्लॉक के समीपस्थ गाँवो में की गई है। इसमें युवा कलाकारों ने कई रचनात्मक किरदार निभाए है, सरकारीअधिकारी किशन के प्रमुख किरदार में यूट्यूब में फुफु के चरित्र से अनिल सिन्हा नजर आएंगे, जिसकी प्रख्यात हीरो अमलेश नागेश के साथ विगत फिल्म हांडा जबरदस्त हिट हो चुकी है। दर्शकों की पसंद के कई आयाम स्थापित कर चुकी इस जोड़ी का एक गीत चल चल अब धीरे धीरे…. भी दर्शको के जज्बातो को सीधे सिनेमायी परदे से जोड़ने का प्रभाव रखता है । दस्तावेज फिल्म में अनिल सिन्हा अपने बिल्कुल नए अवतार में नजर आते है कम डायलॉग बोलकर भी अपनी सटीक एक्टिंग से बेहद प्रभावित करते है और पुरे फिल्म के कथानांक के केंद्र बिंदु है।फिल्म के वितरक लाभांश तिवारी ने बताया की टेलीविजन जगत की जानी मानी नायिका सुमन पटनायक के गांव की पली बढ़ी किन्तु सोच समझ से आधुनिक नित्याष् के किरदार में नजर आती है सुमन ने अपने अधिकारों के प्रति जागरुक युवती का भावनात्मक द्वन्द तथा निःस्वार्थ प्रेम के भावों से फिल्म में जान डाल दी है। अनिल सिन्हा याने ष्किशनष् के साथ ही उनकी माता फगेश्वरी सिन्हा ने इस फिल्म में घरेलु महिला किन्तु जन सेवा हेतु समर्पित सामाजिक कार्यकर्ता की भूमिका अदा की है जिनकी दस्तावेज में की गड़बड़ियों पर सीधा टकराव होता है आलोक मिश्रा से। आलोक, फिल्म में विलेन है, ने अपनी हर एंट्री से इस फिल्म में सभी किरदारों को डराया है अपनी बोलती आँखों के रौब से। छत्तीसगढ़ फिल्मो में खलनायकी का एक नया आयाम स्थापित करते दिख रहे है आलोक मिश्रा उनकी आँखों में भावे और धनी मूंछो से तुरंत एक्सप्रेशन बदलते है।फिल्म के लेखक और निर्देशक सनी सिन्हा ने बताया की दस्तावेज की पूरी कहानी में हर पात्र के साथ मिश्री की तरह घुल जाता है गोपाल (शशांक विश्वकर्मा) फिल्म में अनेक हास्य व्यंक के पहलुओं को भी संजोया गया है। ऐसा ही मजेदार गोपाल है जो बात बात पर आपको हंसने हँसाने पर मजबूर कर देता है शशांक द्वारा अभिनीत यह किरदार फिल्म में ऐसा मोड़ भी ले आता है जहाँ थियेटर में दर्शकों की आँखों के आंसू छलकेगे!
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