दिनेश साहू की रिपोर्ट चारामा- विकास खंड चारामा से होकर गुजरने वाली नदियों में हो रहे अवैध रेत उत्खनन का मामला सरकार के लिए एक बड़ी समस्या बनी हुई है । यहां की नदियों में बड़ी बड़ी चैन माउंटेन मशीनों से उत्खनन कर रेत माफिया रोजाना सैकड़ों की संख्या मे हाईवा ट्रकों से अवैध परिवहन कर दुर्ग,राजनांदगाँव,भिलाई,रायपुर जैसे बड़े शहरों में मनमाने कीमतों पर बेंच रहे हैं ।
दिन भर की मशक्कत के बाद शाम होते ही रेत माफिया नगर के चौक चौराहों पर एकत्रित होकर रात भर होने वाली रेत की चोरी के लिए सक्रिय हो जाते हैं । जिसके बाद अपने गुर्गों को नेशनल हाइवे पर तैनात कर रेत परिवहन के लिए बुलाए गए हाईवा ट्रकों को अलग-अलग नदी घाटों व खदानों में जहां पर रेत की लोडिंग के लिए चेन माउंटेन मशीन उपलब्ध होती है । वहां पर भेजने का काम करते हैं । वहीं केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी प्रधानमंत्री आवास योजना के नाम पर दिन के उजाले में नदी से रेत लुटने का काम क्षेत्र के ट्रेक्टर मालिक कर रहे हैं । सही मायने में यदि देखा जाए तो यह धंधा ट्रेक्टर मालिकों के लिए एक अवैध कमाई का माध्यम बन चुका है । यहां पर मौजूदा प्रशासनिक अमले की रेत तस्करों से मिलीभगत व उदासीनता के चलते इन रेत माफियाओं पर कोई भी ठोस कार्यवाही नहीं की जा रही है । खनिज विभाग की भूमिका भी रेत के अवैध उत्खनन के मामले में संदिग्ध है । जिसके कारण चारामा के साथ साथ समूचा कांकेर जिला रेत के अवैध उत्खनन व परिवहन का केंद्र बना हुआ है । रेत की इस लूट खसूट के कारण केवल नदियां ही नहीं अपितु अन्य आवश्यक प्राकृतिक संसाधनों का भी दोहन हो रहा है और साथ में पर्यावरण को भी गंभीर रूप से नुकसान पहुंचाया जा रहा है । बरसात के महिनों में भी प्रतिबंध होने के बावजूद अवैध रेत उत्खनन का कार्य धड़ल्ले से जारी रहा । रेत के अवैध उत्खनन के कारण नदियों से जल धारण करने की क्षमता लगातार घट रही है । सड़क परिवहन विभाग के द्वारा वाहनों पर कार्यवाही के नाम से जिले के सरहदी सीमाओं पर जांच अभियान चलाई जाती है । जिसके बाद भी रेत के अवैध परिवहन में लगे हाईवा ट्रकों व ट्रेक्टरों पर कोई भी कार्यवाही नहीं की जा रही है । इस तरह से खनिज विभाग के साथ ही परिवहन विभाग की भी कार्यशैली पूरी तरह से संदेह के घेरे में दिखाई दे है । वैसे तो रेत तस्करी का अवैध कारोबार प्रतिदिन मनमाने तरीके से हो ही रहा है । लेकिन सप्ताह में होने वाली शनिवार व रविवार के दो दिनों के सरकारी अवकाश का भी रेत तस्कर बेधड़क फायदा उठा रहे हैं । क्योकिं इन दो दिनों की छुट्टियों का जिम्मेदार प्रशासनिक अधिकारी भरपूर आनंद लेते हुए इन दिनों किसी शिकायतकर्ता के फोन तक उठाना उचित नहीं समझते ।
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