मन्नू साहू / विवेक साहू नरहरपुर - डीएड अभ्यर्थीयो ने नियुक्ति को लेकर कलेक्टर, विधायक सहित मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौपा l साथ ही माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा 2023 में सहायक शिक्षक पद पर 2018 से पहले डिप्लोमा बस प्राथमिक मे मान्य थी 2018 मे डीएड की संख्या ना हो तो बीएड को शामिल करने के लिए बजट बना, डीएड की संख्या पर्याप्त ना होने पर। सरकार 2018 के बाद डीएड की संख्या होते हुए भी बीएड को शामिल किया।
राजस्थान से जहाँ कोर्ट ने डिप्लोमा को उचित ठहराया और 2021 मे 2018 के बजट को रद्द कर दिया जबकि कोई कोर्ट किसी बजट को रद्द करता है वो उसी दिन से रद्द हो जाता है। ये मामला राजस्थान की गलियों से सुप्रीम कोर्ट पहुंचा, जहाँ सुनवाई का दौर चला और आखिरकार जनवरी 2023 मे फैसला रिजर्व हुआ। छत्तीसगढ़ मे 04 मई 2023 को शिक्षक भर्ती का नोटिफिकेशन आया,केस के आर्डर रिजर्व था, सरकार को पता था इस बीच दिनांक 30 मई 2023 को छत्तीसगढ़ के सहायक शिक्षक के नोटिफिकेशन को डिप्लोमा के अभ्यर्थी के द्वारा चैलेंज किया गया भुनेश्वर साहू wps नं 3541/2023 के द्वारा। वही एक सुनवाई इस केस का हुआ लेकिन मामला सुप्रीम कोर्ट मे होने के कारण हाई कोर्ट फैसला आने तक रोक दिया! इस समय छत्तीसगढ़ मे एग्जाम 10 जून 2023 और रिजल्ट 02 जुलाई 2023 घोषित हुआ। सुप्रीम कोर्ट के फैसला आया 11 अगस्त 2023 को जिसमे बीएड को प्राथमिक से पूर्ण रूप से बाहर किया गया! 11/08/2023 को फैसला आने के बाद डीएड अभ्यर्थी विकास कौशिक के द्वारा wps नं 5788/2023 केश लगा जिसको आधार मान कर हाई कोर्ट ने 21 अगस्त 2023 को बी एड को बाहर कर डी एड का कॉउंसलिंग हुआ
बीएड वालो ने भुनेश्वर साहू के केस को छुपाकर 29 अगस्त 2023 को सुप्रीम कोर्ट से स्टे ले आये और भर्ती सब्जेक्ट टू आउटकम हो गया जिसमे भर्ती हाई कोर्ट के फैसले के अधीन हो गई! ncte ने 04 सितम्बर 2023 को सभी राज्यों को बी एड को अपात्र करने वाले लेटर भेजे! फिर भी सरकार ने मनमानी करते हुए बीएड को नियुक्ति दी! हाई कोर्ट ने सुनवाई करते हुए भर्ती मामले मे 02 अप्रेल 2024 को बीएड को अपात्र मानकर बीएड को बाहर करके 06 सप्ताह के अंदर डीएड को नियुक्ति देने को कहा!
बीएड के अभ्यर्थी & सरकार के द्वारा हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट मे याचिका दायर किया! 15 जुलाई को सरकार की एक slp जिसे अन्य पीठ पर ले जाया गया था , उसमे भी जस्टिस ने डीएड को नियुक्ति देने की बात कहा गया। जहाँ कुछ सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट ने 28 अगस्त 2024 को फैसला हुआ और जिसमे हाई कोर्ट के फैसले को सही ठहराते हुए सभी याचिका ख़ारिज किया गया।
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