दिनेश साहू की रिपोर्ट चारामा- दीपावली के पर्व को आने में अब लगभग 35 दिनों का ही समय शेष है । इस वर्ष दीपावली पर्व 31अक्टूबर को मनाई जाएगी । इस त्यौहार के आगमन को लेकर अंचल के फटाका व्यापारियों के चेहरों पर खुशियां दिखाई दे रही है । वहीं सूत्रों से खबर मिल रही है कि क्षेत्र के कुछ बड़े फटाका व्यापारी अधिक व्यापार कर ज्यादा मुनाफा कमाने के चक्कर में चोरी छीपे अभी से अवैध तरीके से फटाकों का अलग-अलग स्थानों पर भंडारण करने में लग गए हैं । जिसकी गोपनीय सूचना शायद स्थानीय प्रशासन को नहीं है ।
हिंदुओं का सबसे बड़ा पर्व दीपावली का त्यौहार अब बहुत करीब आ चुका है । अब समय की कमी को देखते हुए अंचल के फटाका व्यापारी अपने काम में सक्रिय होते दिखाई दे रहे हैं । शायद अब तक फटाका विक्रेताओं को संबंधित विभाग की ओर से अस्थाई अनुज्ञप्ति भी नही मिल पाई है । जिसके बाद भी इनके द्वारा फटाकों के अवैध रुप से भंडारण किए जाने की सूचना सूत्रों से मिल रही है । जो कि स्थानीय प्रशासन के लिए अच्छा संकेत नही है । बल्कि इस पर प्रशासन को सक्रियता दिखाते हुए विभागीय गोपनीयता बनाए रखते हुए अपने स्तर पर पता कर ऐसे लोगों के उपर कड़ाई करने की आवश्यकता है । ताकि इस तरह के अवैध धंधों पर रोक लगाई जा सके ।
बड़े साप्ताहिक बाजार होने के चलते ब्लॉक भर में फटाकों का व्यापार चारामा,लखनपुरी,हल्बा,पुरी और कोटतरा में अधिक होता है । लेकिन चारामा नगर के भींड़-भाड़ वाले रहवासी क्षेत्रों में विगत कई वर्षों से स्थानीय अधिकारियों के संरक्षण होने के चलते बिना किसी रोकटोक के खुलेआम फटाकों की भारी मात्रा में बिक्री की जाती है ।
बिना किसी सुरक्षा व्यवस्था के विस्फोटक वस्तुओं की खुलेआम बिक्री के पीछे एक बड़ा कारण यह भी है कि कई व्यापारी क्षेत्र में अलग-अलग राजनीतिक दलों से जुड़े हुए हैं । इस वजह से जब जिसकी सरकार होती है तब ऐसे व्यापारियों को नेताओं का संरक्षण मिल जाता है और ये सुरक्षा संसाधनों की कमी होने के बावजूद कार्यवाही होने से बच जाते हैं । ऐसी नगर में चर्चा है ।
फटाकों की बिक्री करने वाले व्यापारियों को विभाग की ओर से जारी होने वाले लायसेंस में रौशनी वाले व साधारण फटाके तथा बारूद की निर्धारित मात्रा तय कर दी जाती है । वहीं फटाका व्यापारियों को उस तय मात्रा से अधिक की खरीदी करने में सहुलियत हो सके । इसलिए व्यापारियों के द्वारा अपने ही परिवार के कई सदस्यों के नाम पर अलग-अलग लाइसेंस जारी कराने की भी खबरें मिल रही है ।
*फटाका दुकान के लिए नजरी नक्शा बनाने वाले राजस्व विभाग के कुछ पटवारी की कार्यशैली पर भी उठ रहे सवाल*
फटाका लाइसेंस के लिए आवेदन करने के बाद विभागीय प्रक्रिया के दौरान जिस स्थान पर व्यापारी स्थाई या अस्थाई दुकान अथवा फटाका स्टोर करके रखने के लिए गोदाम बनाना चाहते हैं । उस स्थान को संबंधित हल्के के पटवारीयों के द्वारा चिंहांकीत कर नजरी नक्शा बनाया जाता है । जिसमे फटाका दुकान अथवा गोदाम के आसपास कोई भींड़-भाड़ वाली जगह न हो । इस नियम का भी पालन करना होता है । किन्तु कुछ हल्का पटवारी सावधानी बरतने के बजाय इस नियम को ताक पर रखकर नजरी नक्शा प्रदान कर फटाका व्यापारियों को सहयोग करते है । सूत्रों से ऐसी भी सूचना मिल रही है ।
इस पर्व को लेकर अधिकारी कुछ दिनों की लंबी छुट्टी पर चले जाते हैं । जिसके कारण भी अनियमितता के बावजूद इन पर कार्यवाही नही हो पाती । इसलिए भी फटाका व्यापारी पूरी तरह से बेलगाम नजर आते हैं और इन्हें किसी भी प्रकार से अधिकारियों से डर भय नहीं रहता ।
वर्तमान मे ही 24 सितंबर को बिलासपुर के तोरवा थाना क्षेत्र के एक फटाका गोदाम में भीषण आग लगने की वजह से आसपास के लोगों में जान बचाने अफरा तफरी मच गई थी । लेकिन ऐसी जानलेवा घटनाओं के बाद भी स्थानीय प्रशासन व व्यापारी सबक लेने तैयार नहीं हैं । अब देखना यह है कि इस खबर के बाद प्रशासन ऐसी घटनाओ से बचने और अवैध फटाका भंडारण करने वालों को किस तरह की समझाईश देती है ।
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