नवीन मोरला ब्यूरो चीफ बीजापुर- इंद्रावती टाइगर रिजर्व के कोर क्षेत्र में निवासरथ 76 गांव के ग्रामीणों ने उनके विस्थापन का विरोध करते हुए विशाल रैली निकालकर धरना प्रदर्शन किया।
दरअसल यह पूरा मामला इंद्रावती टाइगर रिजर्व का है कुछ दिन पूर्व में प्रकाशित खबर के अनुसार तत्कालीन कलेक्टर अनुराग पांडे के द्वारा दी गई जानकारी में यहां कहा गया है कि 1981 में इंद्रावती राष्ट्रीय उद्यान की स्थापना हुई इसका उन्नयन इन्द्रावती टाईगर रिजर्व के रूप में 2009 में किया गया। इंद्रावती टाइगर रिजर्व बनाने का मुख्य उद्देश्य जंगली जानवरों के रहवास के लिए सुरक्षित स्थान प्रदान करना एवं वन्य जीव प्राणियों को सुरक्षित रखना था।
इंद्रावती टाइगर रिजर्व बनाने के पूर्व से ही इस क्षेत्र में कहीं गांवों के ग्रामीण निवासरत रहकर खेती बाड़ी एवं वन संपदा एकत्रित कर जीवन यापन करते रहे हैं इस विस्थापन के खबर के बाद इंद्रावती टाइगर रिजर्व के कोर क्षेत्र में निवासरत 76 गांव के ग्रामीणों द्वारा विरोध प्रदर्शन करने, कोर क्षेत्र से लगभग 3000 की संख्या में ग्रामीण निकाल कर पैदल ब्लॉक मुख्यालय भोपालपटनम में विशाल रैली के माध्यम से विरोध प्रदर्शन करते हुए एसडीएम कार्यालय पहुंचकर महामहिम राष्ट्रपति महोदय के नाम ज्ञापन सौंप कर वापस लौट गए।
ज्ञापन में मुख्य रूप से मांगे रखी गई जिसमें इंद्रावती टाइगर रिजर्व कोर क्षेत्र के 76 गांव का विस्थापन, पुनर्वास ना किया जाए। पांचवी, छठवीं अनुसूची पेशा कानून को लागू न कर अडानी एवं अंबानी को जमीन न दिया जाए। जान देंगे पर जमीन नही देंगे। आदिवासियों के विस्थापन को बंद करने एवं बचेली से गडचिरोली रेल मार्ग का प्रस्ताव रद्द करने की मांग की गई है।
Tags
बीजापुर की खबरें