दिनेश साहू की रिपोर्ट चारामा- जंगली जानवरों के हमले से अब तक न जाने कितने ही निर्दोष ग्रामीणों की जान जा चुकी है । लगातार हो रही ग्रामीणों की मौत के बाद भी वन विभाग के जिम्मेदार अधिकारी जंगली जानवरों के हमले से लोगों को बचाने में अक्षम नजर आ रहे हैं ।
वहीं जंगली जानवरों से हमले होने के बाद घायल या फिर मृतक व्यक्ति के परिवार को वन विभाग की ओर से दी जाने वाली सरकारी मुआवजे की राशि के लिए प्रकरण तैयार कर अधिकारियों के द्वारा केवल खाना पूर्ति की कार्यवाही कर पीड़ित परिवार को संतुष्ट करने का ढ़ोंग किया जा रहा है । जंगली जानवरों के हमले के शिकार होने वाले ग्रामीणों को सुरक्षित रखने वन विभाग के अधिकारियों के पास कोई ठोस नीति नहीं है । जिसका खामियाजा इन ग्रामीणों को भुगतना पड़ रहा है । अक्सर देखा गया है कि जंगली जानवरों के प्रभाव वाले क्षेत्रों में कुछ अनहोनी घटना घटित होने के बाद ही वन अमला वहां पहुंचता है । वह भी ग्रामीणों से सूचना मिलने के बाद अन्यथा वन विभाग की उनके ही क्षेत्रों में कई बार उपस्थिति शून्य देखी जा रही है । ताजा मामला वन परिक्षेत्र चारामा के ग्राम टंहकापार का सामने आया है । जिसमें 03 खूंखार जंगली भालुओं ने एक बार फिर से एक ग्रामीण को अपना शिकार बनाते हुए मौत के घाट उतार दिया है । टिकेश्वर पटेल ग्राम टंहकापार का निवासी है । जिसकी उम्र केवल 25 वर्ष बताई जा रही है । जिसे विगत 14 सितंबर की रात्रि मे 03 जंगली भालुओं ने अपना निशाना बनाते हुए दर्दनाक मौत दे दी है । इस घटना के बाद से क्षेत्र के ग्रामीण दहशत में हैं । फिलहाल सूचना मिलने पर वन अमले ने मौके पर पहुंच कर पंचनामा तैयार कर लिया है । जो उस युवक की मौत के एवज में उसके परिवार को सरकारी मुआवजा राशि दिलाने के काम आएगा । लेकिन कब तक वन विभाग की अनदेखी और लापरवाही की सजा इन भोले-भाले ग्रामीणों को भुगतना पड़ेगा । ये एक बड़ा सवाल है ।
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