दिनेश साहू की रिपोर्ट चारामा- नगर पंचायत चारामा के सदर बाजार को रौशन करने के लिए गौरव पथ पर अध्यक्ष निधि से लगाए गए सोलर लाईटों का मामला इन दिनों बेहद सुर्खियों में है । इन सोलर लाईटों को लगाने के पीछे दिलचस्प बात यह है कि इसके लिए नगरीय निकाय से अब तक विधिवत कोई टेंडर जारी नहीं किया गया है और न ही किसी ठेकेदार को कोई कार्यादेश मिला है । जबकि नगरीय निकाय में किसी भी निर्माण कार्य के लिए नियमत: टेंडर जारी कर निर्माण कार्य कराए जाने का प्रावधान है । सरकारी निर्माण से संबंधित सभी टेंडर वाले कार्यों में नियम व शर्तें लगाई जाती है । अब जब सोलर लाईटों को बिना टेंडर व कार्यादेश के लगा दी गई है तब इसके गुणवत्ता और अन्य मापदंडों को कैसे तय किया गया होगा कि किस प्रकार की सोलर लाईट लगाना है उसकी गुणवत्ता क्या होगी और उसका मापदंड क्या होगा । बिना टेंडर जारी किए लगाए गए सोलर लाईटों में गौर करने वाली एक बात और है कि सभी खम्भों के बीच में नगर पंचायत के अध्यक्ष की फोटो छपि हुई तख्ती भी लगी है जिसमें उक्त कार्य को अध्यक्ष निधि से किए जाने का उल्लेख किया गया है । सोलर लाईटों के खम्भों पर लगी हुई तख्ती को देखकर नगर पंचायत व अध्यक्ष की कार्यशैली पर सवालिया निशान लगता है कि किस तरह से अधिकारी व जनप्रतिनिधि मिलकर अपने निजी स्वार्थ के लिए सरकारी नियमों को ताक पर रखकर जनहित के लिए सरकार की ओर से दी गई राशि को बंदरबाट करने षड्यंत्र रचने में लगे हुए हैं । जब किसी निर्माण कार्य के लिए मापदंड ही तय नहीं हुआ है तब कैसे किसी सरकारी निर्माण कार्य को अंजाम दिया जा सकता है । इस संबंध में नगर पंचायत चारामा से प्राप्त शासकीय दस्तावेज के अनुसार नगर के सदर बाजार में सड़क के किनारे लगाए गए सोलर लाईटों और उसके खम्भों पर लगाई गई तख्ती जिसमे अध्यक्ष की फोटो और उनके निधि के संबंध में नगर पंचायत कार्यालय चारामा मे कोई भी जानकारी उपलब्ध नहीं है । वहीं बिना किसी मापदंड के लगाए गए सोलर लाईटों को लेकर नगर के गणमान्य नागरिकों एवं बुद्धिजीवियों के बीच आक्रोश बना हुआ है और इस तरह से नियमों को ताक पर रखकर किए गए कार्य के संबंध में कांकेर जिले के प्रभारी व नगरीय प्रशासन मंत्री श्री अरुण साव जी के आगामी दौरे के समय शिकायत किए जाने की भी चर्चा हो रही है ।
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