कोयतोरिन तकनीकी के वैज्ञानिकता को परिभाषित करता है बस्तर छत्तीसगढ़ के पारंपरिक त्योहार - नारायण मरकाम

संतोष मरकाम ब्यूरो चीफ बस्तर संभाग- स्वास्थ्य वर्धक जड़ी बुटियो कोयोकंद,शतावरी,रसना आदि के विशेष मिश्रण को एक साथ सभी बच्चों, बड़ो व कोंदाल ( बैल ) जैसे पशुओं को एक साथ खिलाकर दस्त,डायरिया,कमजोरी जैसे महामारियो को जड़ से मिटाने का जागरूकता महाअभियान .जिसमें वर्तमान की तरह भारी भरकम स्वास्थ्य महकमे व अरबों रुपये की राशि नहीं लगती इसी दिन से लिगों पेन (देव) ने बरसात के बाद उगी वनस्पतियों को उनके औषधीय गुणों से उनके लयोर (लड़का) शिष्यों को परिचित कराने का क्लास लगाया जाता है यही से झिर्रा /दोबांग/ अमारी जैसे पत्तेदार सब्जियों को अपने पेन पुर्वजो को अर्पित कर खाना शुरू किया जाता है। 
बरसाती किड़ों-मकोड़ों व जहरीले सांपों से बच्चों को बचाने के लिए भिमा लिगों द्वारा अविष्कारित पवित्रतम " गो " से "गोण्ड़ोन्दी" डिटोंग (गेड़ी) के रूप में जमीन से कई फिट ऊपर चलने कि तकनीकी का उद्घाटन करने .फसलों को तनाछेदक व अन्य कीटों से बचाने पवित्रतम कोयतोरिन "को "वृक्ष कोहका (भेलवा) व ब्लैक_शैडो जैसे किट भक्षी चिड़ियों को आर्कषित कर फसल प्रबंधन करने पवित्रतम मड़दी (साजा) की डगाली गाड़ने (जैसा करने हजारों साल बाद भी आज के कृषि वैज्ञानिक अब भी सलाह देते रहते हैं ) बच्चों को दिमागी रूप से सजग और पवित्र कोया पुनेमी "को" से कोर्र (मुर्गा ) घड़ी के साथ टाइम सेट कर अपने अनुमस्ष्तिक को विकसित करने के लिए. लेसनी/ "पन बिछु से जहर इन्जेक्ट करना या लहसुन की कली से आंकना पवित्रतम कोंदाल(बैल) के बछड़े को हल चलाने की प्रथम पाठशाला का गुरू सीखाकर मानव सभ्यता के विकास में महत्वपूर्ण योगदान देने वाले महान कोंदाल (बैल) के प्रति संवेदनशीलता विकसित करने का त्योहार नमक की कमी जो दस्त व बरसात में आम है नमक को डांग कांदा के पत्तों के साथ खिलाना कोयतोरिन अर्थतंत्र में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले पवित्र गोण्डवाना के पवित्र गो शब्द से निर्मित " गोंडरी (बाड़ी) में उत्पादित फसलों में शाखाओं को तेजी से पल्लवित करने के लिए हर्बल_हार्मोंस_उत्प्रेरको एवं हर्बल कीटनाशकों का एक साथ एक ही दिन और लगभग एक ही समय "झिड़काव" करने का प्रचीन तरीका हम मूलवासियों/इण्डिजिनस के इन "कोयतोरिन टेक्नोलॉजियों को विश्व को पुनः अध्ययन करना ही होगा और विज्ञान को अपने बिना ब्रेक की गाड़ी को किसी मूलवासी पहाड़ी गांव पर अटका कर अपने इतिहास की जड़ो में जाकर कोयतोरिन टेक्नोलॉजी सिस्टम के वैज्ञानिकता का क"ख"ग" अब हर हाल मे पढना ही पड़ेगा. और नहीं तो प्रकृति की दिशा की उल्टी दिशा में चलने वाले लोगों को हमारी " कोयतोरिन टेक्नोलॉजी " अंधविश्वास ही लगते रहेगी और प्रकृति ऐसे ही नष्ट होते रहेगी।
इसी के साथ आप सभी को हरेली की बहुत बहुत शुभकामनाए

छत्तीसगढ़ समाचार TV

मीडिया क्रांति के इस युग में आपको छत्तीसगढ़ की सारी दिशाओं की हर छोटी-बड़ी खबर,खबर के पीछे की खबर और एक्सक्लूसिव विश्लेषण का ठिकाना है Chhattisgarh samachar tv का जल्द से जल्द सटीक सूचना के साथ उसके सभी आयामों से अवगत कराना ही हमारा लक्ष्य है जनसरोकार के लिए पत्रकारिता का एक नया युग हम लेकर आए हैं। हम जनता के प्यार-आशीर्वाद से Youtube में सबसे बेस्ट कंटेंट डिलीवर कर रहे हैं। youtube instagram facebook whatsapp

Post a Comment

Previous Post Next Post