विजय गायकवाड़ रिपोर्टर कांकेर :- बारिश के मौसम में मच्छरों का प्रकोप बढ़ जाता है, जिसके चलते मलेरिया, डेंगू जैसी गंभीर एवम् जानलेवा बीमारियां पैर पसारने लगती हैं। इसे देखते हुए स्वास्थ्य विभाग द्वारा मलेरिया की रोकथाम और नियंत्रण के लिए अनेक प्रयास और गतिविधियां की जा रही हैं।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ अविनाश खरे ने बताया कि जिले के सभी स्वास्थ्य संस्था जिला चिकित्सालय, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र, प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र, उपस्वास्थ्य केन्द्र तथा सिविल अस्पताल में सभी आईपीडी एवं ओपीडी मरीजों की अनिवार्य रूप से मलेरिया जांच करने रक्त के नमूने लेने हेतु निर्देश दिये गये हैं।उन्होंने बताया कि किसी ग्राम में मलेरिया सकारात्मक के प्रकरण पाये जाते हैं तो तत्काल रैपिड फिवर सर्वे या सम्पूर्ण जनसंख्या की स्क्रीनिंग की जाएगी। साथ ही समस्त विकासखण्ड में उप स्वास्थ्य केन्द्रवार स्त्रोत नियंत्रण टीम बनायी गयी है, जिसके तहत स्वास्थ्य कार्यकर्ता एवं मितानिन टीम बनाकर घर-घर जाकर कूलर एवं अन्य कंटेनर की जांच की जा रही है। यदि वहां मच्छर के लार्वा पाये जाते हैं तो उसे नष्ट किया जा रहा है। मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने यह भी बताया कि सभी स्तर पर मच्छरदानी लगाने हेतु लोगों को जागरूक किया जा रहा है। इसके अलावा मितानिनों को सीटी प्रदाय की गई है, वे शाम को 07 बजे मितानिनों को सीटी बजाकर जन समुदाय को मच्छरदानी लगाने हेतु प्रेरित किए जाने के भी निर्देश दिए गए हैं। यह भी बताया गया कि समस्त स्वास्थ्य संस्थाओं में मलेरिया की दवा आर.डी. किट पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध कराई गई है। साथ ही समस्त विकासखण्ड में चिरायु टीम को आश्रम, छात्रावास में अध्ययनरत बच्चों के रक्त नमूने लेकर मलेरिया जांच की जा रही है। इसी तरह मच्छर के लार्वा नष्ट करने हेतु समस्त विकासखण्ड में बीटीआई दिया गया है। मलेरिया टेक्नीकल सुपरवाईजरों के द्वारा मलेरिया सकारात्मक प्रकरणों का लगातार फॉलोअप किया जा रहा है।
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