नारायण टेके की रिपोर्ट बालोद- चिंता का विषय यहां है, कि सब इंजीनियर एवं सीएमओ निर्वाचित पार्षदों का भी नहीं सुनते, सूत्रों के माने तो कई वार्डों में रॉ मैटेरियल कचरा एवं नाली के सफाई नहीं हुआ है जिससे वार्ड के कई घरों में पानी घुस जा रहा है। गंदगी चारों तरफ फैली हुई है जबकि यहा नगर पंचायत ओ, डी, एफ, में गेट ए माना जाता है। जबकि बालोद जिला का हृदय स्थल माना जाता है स्वच्छ भारत मिशन के जिला संयोजक का चाहेता नगर पंचायत माना जाता है।
बालोद जिला अंतर्गत नगर पंचायत गुरुर में पदस्थ उपयंत्री एवं मुख्य नगर पालिका अधिकारी के कार्य शैली से निर्वाचित पार्षदगण नाराज बताए जा रहे हैं। नाराज पार्षदों के द्वारा अधिकारियों पर शासन से प्राप्त करोड़ों रुपयों की राशि का दुरुपयोग कर भ्रष्टाचार किए जाने को लेकर इंद्रावती भवन रायपुर स्थित संचनालय में उचित कार्यवाही बाबत शिकायत किए जाने की जानकारी भी मिला है।
मामले पर प्रकाश डालते हुए नाराज पार्षदों ने बताया कि नगर पंचायत गुरुर में अधोसंरचना मद से जोगिया तालाब में सौंदर्यीकरण एवं गहरीकरण का कार्य स्वीकृत हुआ था जहां पर उपयंत्री के द्वारा प्रक्रिया को दरकिनार कर मनमाने तरीके से कार्य कराए जाने का आरोप भी लगा है। इनके द्वारा वर्तमान में 12 लाख रुपए की राशि के कार्य को बिना कोई प्राकलन तैयार किए तथा कार्य स्थल का बिना भौतिक परीक्षण के ही ठेकेदारों को राशि भुगतान किए जाने की जानकारी भी मिला है। जबकि ठेकेदार द्वारा किए गए कार्य का कोई अता पता नहीं है। वहीं उपयंत्री की अकर्मण्यता के चलते शासन द्वारा नगर विकास के लिए प्राप्त पर्याप्त राशि के बावजूद नगर पंचायत द्वारा परिषद में प्रस्तावित कई आवश्यक विकास कार्य जैसे तहसील कार्यालय के सामने कांप्लेक्स निर्माण, अंबेडकर चौक पर कांप्लेक्स का निर्माण नही हो पा रहा है। उक्त जगहों पर कांप्लेक्स निर्माण हो जाने से कई बेरोजगार लोगों को रोजगार का मौका मिलता जो कि नही मिल पा रहा है।
पार्षद मुकेश साहू, सोनू लोहले एवं शोभित ओझा ने आरोप लगाते हुए बताया की नगर पंचायत में पदस्थ अधिकारियों की खूब मनमानी चलती हैं।
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