विजय गायकवाड़ रिपोर्टर कांकेर :- जिले में स्थापित आस्था एवं परम्पराओं के केन्द्र मातागुड़ी, देवगुड़ी, गोटूल, प्राचीन मृतक स्मारक, सेवा-अर्जी स्थलों को संरक्षण एवं संवर्धन करने के लिए बस्तर संभागायुक्त के निर्देषानुसार वृक्षारोपण का कार्य किया जा रहा है।
जिला पंचायत के सीईओ ने बताया कि शासन के मंशानुरूप आदिवासी एवं अन्य परम्परागत वननिवासियों का जल, जंगल और जमीन के साथ-साथ सेवी-अर्जी स्थलों पर अटूट आस्था रखते हैं। गुडी स्थल के आसपास वृक्षों को देवता समतुल्य मान्यता है, गुड़ी स्थल पर स्थित पेड़ पौधों को संरक्षित रखा जाता है। उन्होंने बताया कि स्थलों के आसपास फलदार, फुलदार, छायादार पौधे यथा नीम, आम, जामून, करर्जी, अमलताष व ग्रामवासियों के सुक्षाव अनुसार पौधों का रोपण विषेष अभियान चलाकर किया जा रहा है। जिले के सभी विकासखण्डों में निःषुल्क पौध नर्सरी के माध्यम से वितरण किया जा रहा है। वृक्षारोपण के दिन ग्राम प्रमुख, बैगा, सिरहा, पेरमा, मांझी, चालकी, गुनिया, गायता, पुजारी, पटेल, बजनिया, अटपहरिया तथा जनप्रतिनिधियों को आमंत्रित किया जा रहा है। यह वृक्षारोपण अभियान 15 जुलाई 2024 तक चलेगा।
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