विजय गायकवाड़ रिपोर्टर कांकेर :- कृषि विज्ञान केन्द्र में औषधीय, सुगंध पौध एवं अकाष्ठीय वनोपज उत्कृष्टता केन्द्र इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के तत्वावधान में प्रो ट्रे तकनीकी द्वारा उगाई गई हल्दी सीडलिंग का वितरण कार्यक्रम आयोजित किया गया, जिसमें मुख्य अतिथि के तौर पर कांकेर विधानसभा क्षेत्र के विधायक श्री आशाराम नेताम उपस्थित थे। उन्होंने अपने उद्बोधन में कहा कि हल्दी का उपयोग व्यक्ति के जन्म से लेकर मृत्यु तक होता है और किसानों को आवश्यकता के अनुसार हर फसलों की खेती करनी चाहिए। साथ ही उन्होंने सब्जी उगाने वाले कृषकों को प्रोत्साहित करते हुए अन्य कृषकों को जागरूक करने को कहा। कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि जनपद अध्यक्ष श्री रामचरण कोर्राम ने कृषकों को कृषि विज्ञान केन्द्र से जुड़कर कृषि तकनीकी व सरकार की योजनाओं का लाभ लेने की बात कही। जनपद सदस्य एवं कृषि स्थायी सभापति श्री ईश्वर कावड़े, केन्द्रीय बीज प्रमाणीकरण बोर्ड के सदस्य श्री भरत मटियारा ने कृषकों की आय दोगुनी करने के लिए सरकार द्वारा क्रियान्वित विभिन्न योजनाओं का लाभ लेने और फसल चक्र परिवर्तन करने पर जोर दिया।
कृषि विज्ञान केन्द्र कांकेर के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. बीरबल साहू ने बताया कि सामान्य विधि से हल्दी लगाने पर प्रति एकड़ 10 क्विंटल बीज की आवश्यकता पड़ती है, जबकि प्रो ट्रे तकनीकी के द्वारा पौधे उगाकर लगाने से लगभग 05 क्विंटल बीज से एक एकड़ की बुवाई हो जाती है। कृषकों को जागरूक करने के उद्देश्य से परियोजना के माध्यम से केन्द्र में 01 लाख हल्दी के पौधे प्रो ट्रे में तैयार किया गया है, जिसे किसानों को वितरित किया गया। कार्यक्रम में पूर्व विधायक श्री शिशुपाल शोरी, पूर्व जिला पंचायत सदस्य श्रीमती कृष्णा देवी सिन्हा, पूर्व जनपद अध्यक्ष श्री चन्द्रप्रकाश ठाकुर, अधिष्ठाता रामप्रसाद कृषि महाविद्यालय एवं अनुसंधान केन्द्र डॉ. एन. के. रस्तोगी सहित जिले के उद्यानिकी, कृषि विभाग के अधिकारीगण व बड़ी संख्या में कृषक उपस्थित थे।
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