विजय गायकवाड़ रिपोर्टर कांकेर :- राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत स्वसहायता समूह के माध्यम से महिलाओं के जीवन में काफ़ी बदलाव आया है। समूह से जुड़कर कई ग्रामीण महिलाओं में आर्थिक आत्मनिर्भरता आई है और प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की पहल से कुछ महिलाएं अपनी आय में वृद्धि करते हुए एक लाख से अधिक की सालाना आय प्राप्त कर लखपति दीदी बन गई हैं। ऐसी ही लखपति दीदी कांकेर विकासखंड के गांव सिदेसर की रहने वाली श्रीमती सविता साहू हैं, जिन्होंने समूह से जुड़कर अपना स्वयं का रोजगार शुरू करने की ठानी और आज मिनी राईस मिल स्थापित कर आज एक लाख से भी अधिक की सालाना आय प्राप्त कर रही हैं।श्रीमती सविता साहू ने बताया कि वे वर्ष 2012 में गायत्री स्व सहायता समूह से जुड़ी हैं। शुरूआत में समूह की महिलाएं दोना-पत्तल बनाने का कार्य करती थीं। इसके बाद मशरूम उत्पादन का कार्य शुरू किया गया। इस दौरान उन्होंने अपनी आय को बढ़ाने के लिए खुद का रोजगार शुरू करने के बारे में सोचा। इसके बाद एडीईओ एवं बीपीएम ने उन्हें प्रधानमंत्री स्व रोजगार योजना के अंतर्गत ऋण लेने की सलाह दी। फिर उन्होंने वर्ष 2021 में स्वरोजगार योजनान्तर्गत 10 लाख रूपए और बिहान से 05 लाख रूपए का ऋण लेकर मिनी राईस मिल स्थापित की। श्रीमती साहू ने बताया कि वे अपने पति श्री गौतम साहू के सहयोग से राईस मिल का अच्छे से संचालन कर रही हैं और लगभग 45 हजार रूपए महीने की आय अर्जित कर रही है। प्राप्त आय से उन्होंने समूह से प्राप्त 05 लाख रूपए के सभी किश्त जमा कर चुकी हैं और बैंक से प्राप्त 10 लाख रूपए में से 05 लाख रूपए का ऋण बाकी है। इस प्रकार प्रति माह क़िश्त जमा करने के बाद लगभग 30 से 35 हजार रुपए की आमदनी प्राप्त हो रही है। इससे उनके परिवार की वार्षिक आय में भी इजाफा हुआ है और अपने परिवार का बेहतर ढंग से पालन-पोषण कर पा रही हैं।
श्रीमती साहू आज खुद सशक्त होकर अन्य समूहों की महिलाओं को भी आगे बढ़ने के लिए प्रेरित कर रही हैं। उन्होंने यह बताया कि समूह के माध्यम से गांव की महिलाओं को वित्तीय साक्षरता की जानकारी देती हैं और उन्हें स्वरोजगार स्थापित करने और कृषि कार्य को आगे बढ़ाने में सहयोग करती हैं, ताकि वे भी आर्थिक रूप से सशक्त हो सकें। इस प्रकार स्वसहायता समूह से जुड़कर सविता साहू के जीवन में बहुत बदलाव आया है और शासन की योजनाओं का लाभ लेते हुए आज स्वयं का रोजगार स्थापित कर एक सफल उद्यमी के रूप में अपनी पहचान बनाई हैं। उन्होंने राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन और प्रधानमंत्री स्वरोजगार योजना के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी और मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के प्रति आभार प्रकट किया है।
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सफलता की कहानी