दिनेश साहू की रिपोर्ट चारामा- भारत सरकार के पंचायतीराज मंत्रालय द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में निवास करने वाले लोगों को और भी ज्यादा सशक्त बनाने के उद्देश्य से नित नए-नए प्रयास किए जा रहे हैं । वर्तमान समय में गांव की सरकारी संपत्ति(आबादी भूमि) का सर्वेक्षण कर अस्थाई रुप से निवासरत ग्रामीणों के लिए प्रधानमंत्री स्वामित्व योजना संचालित की जा रही है ।
जिसके तहत गांव की आबादी भूखंडों पर वहां के स्थानीय लोगों को सरकारी तौर पर मालिकाना अधिकार दिलाने के लिये राजस्व अमलों के द्वारा उनके अस्थाई कब्जे की आबादी भूमि का सर्वेक्षण किया जा रहा है । जिसके लिये कुछ समय पूर्व ड्रोन कैमरे की मदद से भी सर्वेक्षण कार्य कराए जा चुके हैं । स्वामित्व योजना की शुरुआत वर्ष 2020-21 में की गई थी लेकिन कोरोना काल के चलते इस योजना को आगे बढ़ाने में प्रशासन को बहुत सारी परेशानियों का सामना भी करना पड़ा । समय के साथ इस योजना को गति देने के लिए प्रशासन एक बार फिर से पूरी तैयारी के साथ इस काम में जुट गया है । और अब चारामा तहसील के राजस्व अमलों के द्वारा उन आबादी भूखंडों के सर्वेक्षण कर मैपिंग एवं मार्किंग की जा रही है । सर्वेक्षण के पश्चात भूखंडों का डिजिटलीकरण कर अधिकार अभिलेख भी तैयार किया जाना है । जिससे उस भूखंड में निवासरत या कब्जेधारी लोगों को मालिकाना अधिकार मिल सकेगा । जिसके बाद शासन के द्वारा उक्त संपत्ति के कार्ड का वितरण हितग्राहियों को किया जाएगा । जिससे कि संपत्ति कर का निर्धारण और वित्तीय संस्थाओं से संपत्ति ऋण का लाभ भी हितग्राहियों को मिलेगा। इसी क्रम में गुरुवार 06 मई को ग्राम भिरौद में भी आबादी भूखंडों का सर्वे किया गया । जिसमे जिला प्रशासन कांकेर एवं अनुविभागिय अधिकारी राजस्व चारामा श्री राहुल कुमार रजक के निर्देश अनुसार हल्का पटवारी इंद्रदेव कश्यप व पटवारी सुश्री गणेशा गोटा और ग्राम के कोटवार संतु राम मानिकपुरी भी आबादी भूमि का सर्वेक्षण कर प्रधानमंत्री स्वामित्व योजना को गति प्रदान करते हुए दिखाई दे रहे हैं । वहीं इस सर्वेक्षण कार्य के दौरान ग्रामीणों में भी भूखंडों के मालिकाना अधिकार मिलने की बात को लेकर अच्छा उत्साह देखने को मिल रहा है ।
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