विजय गायकवाड़ रिपोर्टर कांकेर :- जिले में 19 जून से 03 जुलाई 2024 तक सिकल सेल उन्मूलन पखवाड़ा मनाया जा रहा है, जिसके अन्तर्गत समस्त विकासखण्ड में प्रचार-प्रसार वाहन के माध्यम से लोगों में सिकल सेल को लेकर जनजागरूकता के साथ स्क्रीनिंग कार्य एवं जेनेटिक सिकल सेल कार्ड का वितरण किया जा रहा है। कलेक्टर श्री नीलेश कुमार क्षीरसागर के मार्गदर्शन एवं मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. अविनाश खरे के नेतृत्व में जिले के 0 से 40 आयु वर्ग के सभी व्यक्तियों की स्क्रीनिंग की जा रही है।
जिले में अब तक 04 लाख 83 हजार 760 व्यक्तियों की जांच की जा चुकी है, जिसमें 04 हजार 589 सिकल सेल वाहक एवं 466 सिकल सेल रोगी पाए गए हैं, जिनका नियमित उपचार चल रहा है। धनात्मक पाए गए रोगी को हाइड्रॉक्सीयूरिया की टेबलेट दी जाती है, जो कि सभी सरकारी अस्पतालों में निःशुल्क उपलब्ध है। जिले में अब कुल 03 लाख 38 हजार 156 सिकल सेल जेनेटिक कार्ड वितरित किए जा चुके हैं।
डॉ. अविनाश खरे ने बताया कि सिकल सेल एक अनुवांशिक बीमारी है, इससे रोगी को बार-बार बुखार या जुकाम होना, रोग प्रतिरोधक शक्ति घटने से दूसरी बीमारियों का आसानी से होना इस बीमारी के लक्षण है। यदि रोग का निदान न किया जाए तो जरुरी उपचार न मिलने से बचपन में ही बच्चे की मृत्यु हो सकती है। सिकल सेल मुख्यतः दो प्रकार की होती है। एक रोगी एक वाहक, सिकल सेल रोगी में दोनों जीन खराब होते हैं। जबकि वाहक सिकल सेल में सिर्फ एक जीन ही खराब होती है। यदि माता-पिता दोनों सिकल सेल रोगी हैं तो उनके सभी बच्चे सिकल सेल रोगी होंगे। वहीं माता-पिता में से किसी एक से सिकल सेल दूसरे नार्मल जीन में मिलता है, उन्हें सिकल सेल वाहक कहते हैं। विवाह पूर्व सिकल सेल कुंडली का मिलान किया जाए तो आने वाली पीढ़ी में इस बीमारी के प्रसार को रोका जा सकता है। यदि सिकल सेल वाहक का पता चल जाए तो उनके माता-पिता को काउंसिलिंग कर सकते हैं कि इनका विवाह किसी वाहक या रोगी से न हो।
Tags
स्वास्थ्य