दिनेश साहू चारामा :- कांकेर जिले के चारामा नगर व ब्लॉक का नाम कुछ सटोरियों ने बदनाम कर रखा है । आलम कुछ ऐसा है की नगर को अब लोग सट्टा बाजार का गढ़ मानने लगे हैं और जब यहां के लोग ही कह रहे हैं तो कुछ तो सच्चाई होगी । जी हां कुछ सूत्र बताते हैं कि चारामा में जिस तरह से खुलेआम सट्टे का कारोबार चलता वैसा कहीं पर भी कोई अवैध काम नहीं चलता । अपनी रकम को दुगुनी व चौगुनी करने के इस लालच भरे खेल में क्या युवा और क्या बुजुर्ग सब दलदल के कीडे की तरह फँसते ही जा रहे हैं । यहां पर इतने वर्षों में कभी भी सट्टा के खाईवालों पर कोई कार्यवाही नही हो सकी है । यहां पर सट्टा के जब भी मामले बने है खाईवालों के लिए काम करने वाले छोटे मोटे लोगों को ही मोहरा बनाकर औपचारिकता निभाई गई है । इन पर कोई ठोस मामले नहीं बनने के कारण खाईवालों के हौंसले दिन-ब-दिन बढ़ते ही जा रहे हैं और अब नगर में खाईवालों की संख्या भी बढ़ती ही जा रही है । लेकिन इनमे जो मेन खाईवाल हैं उनकी संख्या 3 से 4 ही हैं । खबर मिल रही है की नगर के भाटापारा में भी अब खाईवालों की संख्या 1 से बढकर 2 हो गई है । सट्टा जुआ पर रोक लगाने और खाईवालों पर ठोस कार्यवाही करने के लिए छत्तीसगढ़ के मुखिया के बाद अब कांकेर जिले के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक महोदय ने भी बैठक लेकर सभी थाने व चौकी के प्रभारियों को कार्यवाही करने के लिए निर्देश दिए हैं । अब देखना यह है कि समय-समय पर अपने अनैतिक काम मे नई-नई तकनीकों का इस्तेमाल करने वाले इन सट्टा खाईवालों तक पहुंचने और उन पर कार्यवाही करने में पुलिस को कितना वक्त लगता है ।
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