दिनेश साहू की रिपोर्ट चारामा- अंचल के किसान अब धान की बरसाती फसल लगाने के लिये अपने खेतों में जुटने लगे हैं । मानसून बेहद करीब आ चुका है इससे पहले किसान एक बार अपनी जमीनों की मरम्मत कर फसल लगाने के लिए तैयार कर रहे हैं । बारिश की एक जोरदार बौछार के बाद किसान खेतों की जुताई में जुट जाएँगे । जिसके लिए ट्रेक्टरों को भी सुधार कर रहे हैं ।
वर्तमान समय में सभी किसान उन्नत कृषि करने मे ज्यादा ध्यान दे रहे हैं । जमीनों की जुताई अब सभी किसान ट्रेक्टर से ही करने लगे हैं । पहले की भाँति अब बैलों को फांदकर नागर से खेतों को जुताई करने का प्रचलन नहीं रहा । अब न कहीं लकड़ी से बने नागर दिखाई देते हैं और न ही खेती के काम के लिए पर्याप्त मजदूर मिलते हैं । फिर भी लोग अपनी परिस्थिति के अनुरुप संसाधन जुटाकर खेती कर रहे हैं । किसानों की ज्यादा भींड़ अभी बीज विक्रय करने वाली नगर की दुकानों में देखी जा रही है । जहां पर किसान अपनी पसंद के अनुसार धान के बीज की खरीदी कर रहे हैं और साथ ही फसल की अच्छी पैदावार के लिए राखड़,यूरिया व पोटाश जैसी खाद की भी खरीदी कर रहे हैं । इसी बीच कई किसान ऐसे भी हैं जिन्होने अपनी खेतों पर अभी हॉल ही में गर्मी की फसल काटी है । फसल काटने के बाद धान के पौधे की बचे हुए ठूंठ को अब लोग खेतों में ही जलाने लगे हैं जो कि कानूनन प्रतिबंधित है । कृषि विशेषज्ञों का मानना है कि ठूंठ को खेतों पर जलाने से फसलों को लाभ पहुंचाने वाले कई मित्र कीटों की मौत हो जाती है । इसीलिए किसानों को जागरुक करते हुए कृषि विशेषज्ञ खेतों पर आग नही लगाने की सलाह देते हैं । ताकि बरसाती धान की फसलों को लाभ पहूंचाने वाले जीव-जंतु जीवित बच जाएँ और किसानों को उसका लाभ मिल सके । फिलहाल क्षेत्र के सभी किसान खेतों की मरम्मत का काम करते हुए मानसून के शीघ्र आने की प्रतीक्षा कर रहे हैं ।
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