दिनेश साहू की रिपोर्ट चारामा- तहसील कार्यालय चारामा में कुछ पटवारीयों की मनमानी चल रही है । उनके द्वारा अनावश्यक ही क्षेत्र के किसानों को परेशान किया जा रहा है । किसानों के जरुरी काम समय पर नही होने के चलते कई किसान अपना काम धंधा छोड़कर इन पटवारीयों के चक्कर लगा रहे हैं । किसानों के द्वारा अपने काम को लेकर हल्का पटवारी को फोन पर लगातार संपर्क करने के बाद भी उन्हे उनके काम के लिए घुमाया जा रहा है । सूत्रों से खबर मिल रही है कि इनके द्वारा किसानों के काम के एवज में मोटी रिश्वत की भी मांग की जाती है । जिसे नही देने पर या पटवारीयों के मांग के अनुरुप व्यवस्था नहीं करने पर उनका काम रोक कर उन्हें अनावश्यक रूप से परेशान किया जाता है । हाल ही में एक किसान ने बताया कि उन्होने अपने नाम से उप पंजीयक कार्यालय कांकेर के यहां से रजिस्टर्ड मुख्तियार नामा बनवाया था । जिसे विक्रय करने के लिए संबंधित हल्का के पटवारी को नकल बनाने कहा गया और सारे दस्तावेज भी उपलब्ध कराए गए । जिसके बाद भी पटवारी के द्वारा समय पर उनका नकल नहीं बनाया गया । समय पर नकल नही बनने के कारण उक्त भूमि का पंजीयन नही किया जा सका जिसके चलते छत्तीसगढ़ शासन को भी राजस्व के रूप मिलने वाले पंजीयन शूल्क की शुद्ध रूप से हानि हूई है । कांकेर के कलेक्टर ने भी प्रत्येक सप्ताह लगने वाले जन दर्शन एवं समय-सीमा की बैठक में सभी राजस्व प्रकरणों को समय पर निपटाने निर्देश दे चुके हैं । जिसके बाद भी चारामा में प्रशासनिक व्यवस्था का हाल-बेहाल है । अब देखना यह है कि इस खबर के प्रकाशन होने के बाद चारामा तहसील के अंतर्गत आने वाले किसानों के कामों की रफ्तार कुछ बढ़ती है या फिर पहले के जैसे ही कछुए की चाल से ही किसानों के काम किए जाते हैं ।
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