संतोष मरकाम बस्तर संभाग :- स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट अंग्रेजी माध्यम विद्यालय में परीक्षा से संबंधित तनाव को दूर करने हेतु विद्यार्थियों के मध्य में संस्था प्रमुख प्राचार्य श्री नंदकिशोर सोरी , श्री के के नाग सर के द्वारा अपनी वाणी से छात्र - छात्राओं को परीक्षा के तनाव से मुक्ति पाने के लिए विचार रखे गए उन्होंने कहा कि परीक्षा में अच्छा प्रदर्शन करने का दबाव अधिक हो सकता है और यह तनाव मानसिक स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकता है। परीक्षा को लेकर तनाव महसूस होना समान्य बात है, तनाव शरीर के दबाव के प्रति स्वाभाविक प्रतिक्रियाएं होती है।
और इस सभा में विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि परीक्षा से तनाव के कई कारण हो सकते हैं जैसे - चिंतित या उदास महसूस होना, चिड़चिड़े और क्रोधित होना , सोने के लिए संघर्ष करना, आपके खाने में आदतों में बदलाव, अपने बारे में बुरे विचार रखना, भविष्य की चिंता , उन चीजों में रूचि कम होना जो आपको आमतौर पर पसंद होती है या ध्यान केंद्रित करने में कठिनाई होती है, उन्होंने कहा कि यदि इनमें से कोई भी भावना विद्यार्थियों के जीवन पर हावी होती है तो तनाव जरूर होती है।
आगे सभा को जारी रखते हुए कहा कि विद्यार्थियों को तनाव मुक्ति के लिए उन चीजों पर विचार करना चाहिए जो अंदर या बाहर पहले ही हासिल कर ली है। प्रत्येक विद्यार्थियों को सूची बना लेनी चाहिए और कौन सी चीज अच्छा है उसका आनंद लेना चाहिए ऐसे करने से पढ़ाई के प्रति अच्छा महसूस होगा और तनाव कम होगा। और कार्यक्रम में कहा गया कि तनाव दूर करने का प्रयास करते रहना चाहिए और अपनी तुलना किसी दूसरों से नहीं करनी चाहिए।
बाल विवाह रोकथाम से सबंधित कार्यक्रम- कार्यक्रम को जारी रखते हुए उन्होंने कहा कि बाल विवाह एक सामाजिक कुप्रथा है और यह कुप्रथा प्राचीन काल से चली आ रही है जिसका प्रभाव दैनिक जीवन पर पड़ता है साथ ही लड़कियों पर बुरा प्रभाव डालता है यह एक सामाजिक रूढ़िवादी कुप्रथा है।यह प्रथा बच्चों की सारे मानव अधिकारों को खतम कर देता है। कार्यक्रम में उपस्थित शिक्षकों एवं संकुल समन्वयकों के द्वारा भी विद्यार्थियों के जीवन में बाल विवाह से संबधित हो रहे प्रभाव को दूर करने हेतु प्रयास किया गया उन्होंने कहा कि जब छोटे उम्र में सादी करने से उनके स्वास्थ्य शारीरिक और मानसिक विकास के साथ - साथ उनके खुशहाल जीवन पर असर पड़ता है।
और शिक्षकों ने कहा कि यदि परिवार में एक बेटी का जन्म होता है बेटी को उपेक्षा की दृष्टि से देखा जाता है और जब लड़के का जन्म होता है तो प्यार से पालन पोषण किया जाता है।आगे कार्यक्रम को जारी रखते हुए उन्होंने बताया कि ऐसा सोच हमारे समाज के लिए घातक है इस दूर करने का प्रयास निरंतर करना चाहिए।
इसी मौके पर विद्यालय में रेड क्रास स्थापना दिवस के अवसर पर रैली, रंगोली, शपथ ग्रहण, भाषण इत्यादि को अहमियत दिया गया।
इस कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए सभी संकुल के माध्यमिक शाला के सदस्यगण एवं पालकगण उपस्थित रहे।तथा कार्यक्रम के अंत में प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र प्रदान किया गया।
इस महत्वपूर्ण कार्यक्रम को अंतिम चरण तक पहुंचाने एवं सफल बनाने के लिए संकुल समन्वयकों और विद्यालय के शिक्षकों आयशा फिरदोसी, विनाक्षी ठाकुर, विनय सर, मांडवी सर ,नाग सर शोरी सर, संकुल समन्वयक मनोज साहू सर, रीता पांडे, दिलीप कुमार, दिव्या सिंह, हेमंत साहू , खिलेश प्रधान, संगीता इक्का, रेणु प्रसाद गुप्ता , अंकिता यादव, संतोषी बघेल , लक्ष्मी साहू अमिता शर्मा, अनीश यादव, एवं विद्यालय के सभी कार्यकर्ता उपस्थित रहे ।अंत में प्राचार्य श्री नंदकिशोर सोरी सर ने कार्यक्रम को समापन करने की घोषणा किया ।
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