दिनेश साहू चारामा :- कोदो-कुटकी और तिखुर ये तीन ऐसे खाद्य पदार्थ हैं जो कि पोषक तत्वों व औषधिय गुणों से भरपूर माने जाते है । जिसके बारे में सभी को जानना बेहद जरुरी है । वर्तमान समय में किसान इनकी फसलें बेहद कम रकबे में उगाते हैं । लेकिन इन तीनों ही खाद्य पदार्थों के बारे में जानकारी देते हुए विशेषज्ञ इन्हें आज के समय का सर्वोत्तम खाद्य पदार्थ बताते हैं । जो कि वर्तमान समय में लोगों को होने वाली कई तरह के रोगों को दूर करने में कारगर है । और अब इन फसलों को लगाने व अधिक पैदावार के लिए किसानो को कई एनजीओ और विभाग के द्वारा जागरुक भी किया जा रहा है ।
*कोदो मिलेट जिसे रागी के नाम से भी लोग जानते हैं ।* जिसमे कार्बोहाइड्रेट, मैग्नीशियम, प्रोटीन, मैगनीज, कैल्शियम, थयामिन, विटामिन, आयरन, फास्प्फोरस, डायटरी फाइबर पॉलीफेनॉल्स, एमिनो एसिड तथा रिबो फ्लेविन जैसे पोषक तत्व पर्याप्त मात्रा मे पाए जाते हैं ।
कोदो (रागी) के गुण व इसके लाभ :- कोदो के नियमित सेवन करने से मधुमेह रोग नियंत्रण में रहता है । गुर्दों व मूत्राशय के रोग में भी यह लाभकारी होता है । यह अनाज रासायनिक उर्वरक व कीटनाशक (कृषि दवाईयों) से भी मुक्त होता है । कोदो व कुटकी उच्च रक्तचाप वाले रोगियों के लिए रामबाण उपचार माना जाता है । इसमे चांवल के अपेक्षा कैल्शियम भी 12 गुणा अधिक मात्रा मे होता है । इसी प्रकार से कुटकी मिलेट में भी नियासिन, रिबोफ्लेविन, थयामिन, केरोटिन, आयरन, कैल्शियम, फॉस्फोरस, प्रोटीन, मिनरल, खनिज धातु, कॉर्बोहाइड्रेट एवं फाइबर पाए जाते हैं ।
कुटकी के गुण एवं इसके लाभ :- कुटकी के सेवन से मधुमेह रोग को बहुत ज्यादा नियन्त्रित किया जा सकता है । यह ह्रदय के लिए भी अच्छा अनाज है । माईग्रेन रोग में भी इसके सेवन से लाभ मिलता है । यह एसीडीटी व अजिर्ण जैसी समस्या से भी आराम दिलाता है । इसके सेवन से पुरुष व महिला दोनों के प्रजनन तंत्र स्वस्थ होते हैं । बांझपन व नपुंसकता से भी यह बचाता है । इसके अलावा तिखुर जो सफेद रंग में दिखने में बहुत ही सुंदर होता है । जो कि शरीर में शीतलता प्रदान करता है । और इससे विभिन्न प्रकार की मिठाईयाँ व पकवान बनाने के लिए भी उपयोग किया जाता है ।
तिखुर के गुण व इसके लाभ :- हल्दी से होने वाले लाभ की तरह तिखुर के सेवन से भी शरीर को बहुत ज्यादा लाभ होता है । जैसे खाँसी,बुखार,सांसों की बीमारी व अधिक प्यास लगने की समस्या में भी तिखुर के उपयोग से बहुत लाभ मिलता है ।एनीमिया, मूत्ररोग, मधुमेह, पीलिया आदि रोग में भी इसके औषधिय गुणों का लाभ मिलता है । गर्मियों के मौसम मे इसके शीतल पेय बनाकर पीने से लू से बचाव होता है । तिखुर स्टार्च के सेवन से अल्सर तथा उदर से जुड़े कई विकार दूर होते हैं । तिखुर के कंद को पीसकर इसके लेप को सिर पर लगाने से सिर की पीड़ा में आराम मिलता है । तिखुर स्टार्च पोषक तत्वों एवं औषधिय गुणों से परिपूर्ण तथा सुपाच्य होने के कारण इसे कमजोर व पोषित बच्चों को खिलाने में बहुत ही लाभकारी माना गया है ।
Tags
अच्छी खबर