विजय गायकवाड़ रिपोर्टर कांकेर :- विगत रविवार को भारतरत्न डॉ भीमराव अंबेडकर 133 वां जयंती समारोह का आयोजन ग्राम हल्दी में किया गया, जिसमें एस. टी., एस. सी. ,ओ. बी. सी के संयुक्त तत्वावधान में डॉ बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर जयंती समारोह को हर्षोल्लास के साथ मनाया गया, कार्यक्रम में कांकेर जिले के बौद्ध समाज महासभा के जिला अध्यक्ष योगेन्द्र कुमार रामटेके को विशेष अतिथि के रूप में आमंत्रित किया गया।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए बौद्ध समाज के जिलाध्यक्ष योगेन्द्र कुमार रामटेके ने बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर के उस बाल्यकाल की सहनशीलता को याद किया जिसमें बाबा साहेब को स्कूल में बाहर बैठकर अध्ययन करना पड़ता था और यह एक दिन नहीं बल्कि हर बार उन्हें ये एहसास दिलाया जाता था कि वे नीची जाति के हैं उसके बावजूद बाबा साहेब ने अपने लक्ष्यों को केंद्रित कर मानव समाज के हित में महान कार्य करते हुए भारत का संविधान देश को समर्पित किया। कुछ लोग आज भी बाबा साहेब को शोषित, पीड़ित, दबे, कुचले, समाज के मसीहा, तो कुछ लोग उन्हें सिर्फ महार समाज के महानायक के रूप में देखते हैं लेकिन वास्तविकता यह है कि बाबा साहेब अंबेडकर मानव समाज के मशीहा थे उन्होंने संविधान में सभी मानव समाज को समान अधिकार प्रदान किया, स्कूल, अस्पताल, थाने, न्यायालय की व्यवस्था दी ,क्या ये सभी किसी एक समाज के लिए हैं,कामकाजी महिलाओं के लिए मातृत्व अवकाश, सभी के लिए सिर्फ 8 घंटे ही कार्य करने ,रिजर्व बैंक की स्थापना के सुझाव, बालमजदूरी पर रोक, महिलाओं को घर से निकलकर शासकीय सेवक, समाज सेवा करने जैसे अनेक अधिकार प्रदान किये।समाज को शिक्षित बनने, संगठित रहने, और संघर्ष करने का मूल मंत्र दिए।उपासिका सुनीता बौद्ध ने उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए बाबा साहेब एवं उनके धम्म पर विस्तार पूर्वक बातें रख़ते हुये कहा कि बाबा साहेब सभी धर्मों का अध्ययन करने के बाद बौद्ध धम्म की दीक्षा ग्रहण की।बौद्ध धम्म सबसे सरल और प्रकृति में जो शास्वत सत्य है उसे ही जानने और मोक्ष प्राप्ति का सरल उपाय बताया। कार्यक्रम में बौद्ध समाज महासभा कांकेर के संरक्षक श्री लक्ष्मीचन्द्र रामटेके, कोषाध्यक्ष श्री केशव गायकवाड़ के साथ साथ, धमतरी, मानपुर, मोहला, अम्बागढ़ चौकी, राजनांदगांव, दुर्ग, रायपुर, भिलाई, दल्लीराजहरा के बौद्ध समाज के लोंगो की बहुतायत संख्या थी।
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