मनीराम सिन्हा ब्यूरो चीफ कांकेर- आज के दौर में मोबाइल हमारी जिंदगी का एक अहम हिस्सा बन गया है। हमारी आदतों का असर धीरे-धीरे हमारे बच्चों पर भी पड़ने लगा है। बच्चे स्कूल जाने से पहले ही मोबाइल फोन को इस्तेमाल करने के आदी हो जाते हैं और घंटों मोबाइल पर गेम्स खेलते हैं।
भले ही इस आदत के लिए अभिभावक खुद जिम्मदार क्यों न हों। लेकिन इसके नुकसान तो बच्चों को ही झेलने पड़ते हैं। छोटी आयु में बच्चों को मोबाइल देने से उनकी सेहत पर बुरा असर पड़ता है।
बच्चे जब रोते हैं या किसी चीज के लिए जिद करते हैं तो अक्सर मां-बाप पीछा छुड़ाने के लिए बच्चों को मोबाइल थमा देते हैं. यह ट्रेंड आजकल काफी आम हो गया है. इससे बच्चा शांत तो हो जाता है लेकिन इससे उसे कई घंटे स्क्रीन के सामने बिताने की लत लग जाती है। कम उम्र में बच्चों को फोन थमाने से उनका मानसिक विकास प्रभावित होता है।
आजकल इंटरनेट की वजह से बच्चे फोन पर कुछ भी एक्सेस कर सकते हैं. जो उनकी उम्र के हिसाब से खतरनाक भी हो सकता है. मर्डर, हिंसा, पॉर्न, एक्सीडेंट और अनगिनत ऐसे वीडियो बच्चों को दिमाग पर निगेटिव असर डाल सकती हैं. बच्चों का मन नासमझ होता है, इसलिए शुरुआत में उन्हें कुछ भी नया देखने को मिल जाता है तो उसमें उनका इंट्रेस्ट बढ़ सकता है. इसलिए इस तरह के खतरों से दूर रखने के लिए बच्चों को स्मार्टफोन से दूर रखना चाहिए. मोबाइल की वजह से नींद की समस्या भी हो सकती है. बच्चे साइबर क्राइम, बुलीइंग और ब्लैकमेलिंग के जाल में भी फंस सकते हैं ।
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