दिनेश साहू चारामा :- छत्तीसगढ़ की रेत खदानों में अवैध उत्खनन पर रोक लगाने में खनिज विभाग पूरी तरह से नाकाम साबित हो रहा है । कुछ दिनों पूर्व ही विधानसभा सत्र के दौरान छत्तीसगढ़ भाजपा की उपाध्यक्ष व कोंडागाँव की विधायक सुश्री लता उसेन्डी व वरिष्ठ विधायक धर्मजीत सिंह ने अवैध रेत उत्खनन को लेकर सरकार के समक्ष प्रश्न लगाया था जिसमे वरिष्ठ विधायक की ओर से छत्तीसगढ़ की रेत खदानों में लगभग 200 की संख्या में मशीनों से उत्खनन होने की जानकारी दी गई थी । जिस पर संज्ञान लेते हुए प्रदेश के मंत्री ओम प्रकाश चौधरी जी ने 15 दिनों तक मशीनों पर ताबड़तोड़ कार्यवाही करने की बात कही थी । जिसके बाद से प्रदेश भर के रेत माफियाओं में हडकंप मचा हुआ था । किंतु रेत माफिया 15 दिनों तक खदानों से मशीन हटाकर इस 15 दिनों की अवधि के बीतने की बेसब्री से प्रतीक्षा कर रहे थे । और अब उस कठिन समय के बीत जाते ही रेत माफियाओं ने फिर से खदानों में अपनी दबंगाई दिखानी शुरु कर दी है । जिसका जीता जागता उदाहरण कांकेर जिले के चारामा की महानदी पर स्थित भिरौद रेत खदान में देखने को मिल रहा है । यहाँ पर के सक्रिय रेत माफिया शासन,प्रशासन व खनिज विभाग को अपनी उंगलियों पर नचाते दिखाई दे रहे हैं ।शनिवार एवं रविवार की सरकारी अवकाश का मुख्य फायदा तो रेत माफिया ही उठाते है । क्योकि इन दो दिनों तक शासन प्रशासन के जिम्मेदार कोई भी अधिकारी किसी भी शिकायतकर्ता के फोन नहीं उठाते । इससे पता चलता है की रेत खदानों को लुटने में किस तरह से शासन,प्रशासन,नेता व रेत माफिया संगठित होकर भींड़े हुए हैं । भिरौद रेत खदान में मशीनों से हो रही खुदाई की सूचना देने के लिये जब छत्तीसगढ़ समाचार टीवी के स्थानीय संवाददाता के द्वारा जिला खनिज अधिकारी व खनिज निरीक्षक को फोन लगाया गया । तो एक अधिकारी का फोन बंद था । तो दुसरे अधिकारी ने फोन उठाना उचित नहीं समझा । जिसके बाद इन माफियाओं के द्वारा दिन भर जीवनदायिनी महानदी की रेत खदानें लूटती रहीं और शासन,प्रशासन तमाशा देखती रही ।
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