विजय गायकवाड़ रिपोर्टर कांकेर :- मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने आज वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से प्रदेश भर के कलेक्टर-एसपी की बैठक लेकर शासन की योजनाओं के क्रियान्वयन और कानून व्यवस्था को लेकर आवश्यक निर्देश दिए। उन्होंने प्रदेश भर के कलेक्टर एवं एसपी को संबोधित करते हुए कहा कि आप और हम सभी लोक सेवक हैं और हमारा उद्देश्य आमजनता की सेवा करना है और जनता के प्रति जवाबदेही व संतुष्टि बेहद जरूरी है। उक्त वीसी में जिले से कलेक्टर श्री अभिजीत सिंह और एसपी श्री इंदिरा कल्याण एलेसेला ने हिस्सा लिया।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि प्रदेश की सरकार तीन महीने के भीतर ही जनता के विश्वास के मुताबिक बहुत से काम किए हैं और मोदी की गारंटी को पूरा किया है। सबको मिलकर आगे और भी अच्छा काम करने की जरूरत है। जनता ने के विश्वास पर खरा उतरना है। इस दौरान प्रधानमंत्री आवास योजना, धान का बकाया बोनस, धान की बम्पर खरीदी, 21 क्विंटल प्रति एकड़ 3100 की दर से, कल अंतर की राशि भी दे दी गई है। साथ ही महतारी वंदन योजना के तहत पहली किश्त की राशि भी जारी हो गई है। मुख्यमंत्री श्री साय ने आगे कहा कि शासन की योजनाओं को प्रदेश की अंतिम व्यक्ति तक पहुंचाने की आवश्यकता है। जिला प्रशासन की तरफ से योजनाओं के क्रियान्वयन में किसी भी तरह की कोताही न हो। सभी कलेक्टर यह सुनिश्चित करने कहा कि राजस्व विभाग से संबंधित शिकायतें ना आने पाएं। उन्होंने स्वास्थ्य, शिक्षा, पेयजल, सड़क और आजीविका के साधन उपलब्ध कराने के लिए डीएमएफ की राशि खर्च करने की बात कही। मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की संकल्पना के अनुरूप विकसित भारत, विकसित छत्तीसगढ़ और विकसित जिला बनाने की आवश्यकता के अनुरूप कार्य करने की बात कलेक्टरों से कही।
कलेक्टर-एसपी के कार्य से ही बनती है सरकार की छवि
मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि जिला प्रशासन के अच्छे कार्य से ही जनता जिले के उच्चाधिकारियों की प्रशंसा करती है। कलेक्टर और एसपी के अच्छे कार्यों से ही सरकार की छवि बनती है। किसान अन्नदाता हैं और छत्तीसगढ़ में ज्यादातर किसान ही हैं। ऐसे में जिला प्रशासन यह सुनिश्चित करे कि किसानों को दफ्तरों के चक्कर न लगाना पड़े। किसानों के कार्य समयावधि में पूरा हो यह सुनिश्चित किया जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि जल जीवन मिशन के माध्यम से हर घर में नल के माध्यम से पानी पहुंचाने निर्माण कार्यों को योजनाबद्ध तरीके से पूर्ण कराने, जल स्रोतों का पता लगाने के बाद ही टंकी बनाने, पाइपलाइन बिछाने का काम कराने हेतु निर्देशित किया। इसी तरह तेंदूपत्ता खरीदी शासन द्वारा प्रति मानक बोरा 5500 की दर निर्धारित की गई है तथा तेंदूपत्ता संग्राहकों को समय पर पारिश्रमिक भुगतान तथा उनके लिए चलाई जा रही योजनाओं का लाभ मिले। ग्रामीण क्षेत्रों में मनरेगा के कार्य ठीक से चलें और समय पर भुगतान हो। मजदूरी के लिए मजदूरों को भटकना न पड़े। प्रधानमंत्री आवास योजना पर चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि सरकार ने 18 लाख प्रधानमंत्री आवास बनाने का निर्णय लिया है। पात्र हितग्राहियों को पिछले 5 साल में आवास मिलना था वे मकान से वंचित हो गए। इस योजना की जिला स्तर पर निरंतर समीक्षा की जाए। राशन कार्ड के नवीनीकरण का कार्य शीघ्र पूर्ण किया जाए एवं राशनकार्डधारियों को खाद्यान्न का समय पर वितरण सुनिश्चित किया जाए। इसी प्रकार महतारी वंदन योजना के तहत 70 लाख से अधिक पात्र महिलाओं के बैंक खातों में योजना पहली किश्त भेज दी है। इसी तरह कृषक उन्नति योजना की राशि भी किसान भाइयों को भेज दी गई है।
संवेदनशील जिलों में योजनाओं की पहुंच सुलभ कराने चलाई जा रही नियद नेल्लानार योजना-
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान मुख्यमंत्री श्री साय ने बताया कि बस्तर के संवेदनशील क्षेत्रों में सरकार ने लोगों को बिनयादी सुविधाएं उपलब्ध कराने नियद नेल्लानार योजना शुरू की है। इस योजना में कैंप के आसपास के 5 किलोमीटर के दायरे के गांव में लोगों को सभी प्रकार की बुनियादी सुविधाएं दी जानी हैं। इसका बेहतर क्रियान्वयन किया जाए। इस योजना के क्रियान्वयन में सभी की आपसी तालमेल के साथ-साथ जनभागीदारी की भूमिका भी बहुत महत्वपूर्ण होगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पुलिस विभाग में अभी और कसावट लाने की आवश्यकता है। अपराधियों में कानून का भय होना चाहिए और आम नागरिक सभी तरह से भयमुक्त होने चाहिए। आम नागरिक भयमुक्त होकर सहजता से जीवनयापन कर सकें, हमें ऐसे वातावरण का निर्माण करना है। वहीं महिलाओं से संबंधित अपराधों पर पूरी तरह अंकुश लगना चाहिए। उन्होंने कहा कि देश में नए कानून लागू हो चुके हैं। इन नए कानूनों के अनुरूप पुलिस को स्वयं को ढालना होगा और प्रशिक्षण प्राप्त करना होगा। इसके पहले, मुख्य सचिव श्री अमिताभ जैन ने सभी जिलों के कलेक्टर व एसपी को संबोधित करते हुए कहा कि वे अपने दायित्वों व कार्यों के प्रति ईमानदार और अनुशासित रहें। अंतर्विभागीय समन्वय के अभाव में प्रकरण लम्बित ना रहे।
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