पवन बघेल तिल्दा-नेवरा :- विश्व वंदनीय आचार्य गुरूवर विद्यासागर जी महाराज की विनयांजलि कार्यक्रम में बड़ी तादाद में जनसमुदाय शमिल हुए । गौरतलब हो कि बीते 25 फरवरी को राष्ट्र संत ,राष्ट्र हितचिंतन,इंडिया नही भारत बोलो के नारे को प्रशस्त करने वाले,विश्व वंदनीय आचार्य गुरुवर विद्यासागर जी महाराज की विनयांजलि कार्यक्रम नेवरा तिल्दा के जैन समाज के तत्वाधान में संपन्न हुआ। राष्ट्र संत विद्यासागर महाराज का अवतरण दस अक्टूबर 1946 शरद पूर्णिमा को ग्राम सदलगा में हुआ था । वहीं 18 फरवरी को चंद्रगिरी डोंगरगढ़ में समाधी लिया । राष्ट्रसंत विद्यासागर जी महाराज के विनयांजलि कार्यक्रम के अवसर पर संत श्री के जीवन के कुछ मार्मिक पल एवम अपने संमरण पर अनेक वक्ताओं ने विचार व्यक्त किया ।।गुरु के प्रति समर्पण ही गुरु को महान बनाता है। अपने गुरु को दिए वचन में गुरुकुल की स्थापना के रूप में जबलपुर ,डोंगरगढ़,इंदौर,सहित 5 प्रतिभास्तली एवम अन्य कई सिक्षण संस्थाओं की स्थापना की जिसमे धर्म एवम संस्कृति को वर्तमान शिक्षा प्रणाली में जोड़ने का अनूठा प्रयास किया गया।उक्त कथन श्री सैलेष नितिन त्रिवेदी ने व्यक्त की,धर्म एवम जाति विशेष पर नही अपितु समस्त जीवों के कल्याण एवम अहिंसकमयी विश्व की कल्पना की गई। कई गौ शालाए आज भी उनके द्वारा संचालित है, जहां हजारों गायों को संरक्षण प्राप्त है ,राजू शर्मा जिला पंचायत सदस्य ने अपनी विन्यांजलि के तहत कही ,भाजपा जिला महामंत्री अनिल अग्रवाल ने आचार्य श्री के साथ अपने संस्मरण सुनाए जिसमे उन्होंने कहा की ऐसे महान संत के दर्शन मात्र से हमारे जीवन के पाप कट जाते है,ऐसे संत के युग में हमने जन्म लिया हम अपने आप को गौरावनित महसूस करते है ।समाज सेवी हीरानद हरिरामणि के कथन अनुसार वे ऐसे संत थे जो सभी के हित के लिए उनके रोजगार का चिंतन करते थे चल चरखा के माध्यम से उन्होंने हजारों असहाय एवम बेरोजगारों को जोड़कर उन्हें स्वदेशी अपनाओ के तहत रोजगार प्रदान किया ,पीले पसाड़ के इस स्वर्ण मंदिर को सिर्फ जैन समाज के लिए भी बल्कि पूरे नगर एवम छत्तीसगढ़ के गौरव के रूप में देखा जाएगा,कथन श्री दिलीप शर्मा ,पवन अग्रवाल ने कहा।पूरे विश्व में आहिंस धर्म को अपनाना चाहिए एवम सर्वोत्तम आहार शाकाहार के प्रचार प्रसार में हम सब को उसके प्रति जागृत करने का कार्य करना चाहिए ।कांग्रेस नेता राम गिडलानी ने कहा कि गुरु ने मुझे बांसुरी बना दिया मैं तो ठेठ बांस था आचार्यश्री की छवि देख मन पुलकित हो जाता था, पर आजतक जो हमारे दिल में बसे थे वो अब आंसू बन कर रहे गए कविता के माध्यम से कवि गोपाल वर्मा एवम प्राचार्य चांदनी सर ने अपने संस्मरण में बताया ,भाजापा के महामंत्री सौरभ जैन ने कहा की तिल्दा नेवरा में पंचकल्याणक के अंतिम दिन आचार्यश्री के गमन के पूर्व मुझे नवधा भक्ति के साथ जो आहार देने का सौभाग्य मिला जिसका बाद मेरा जीवन धन्य हो गया ।इन वक्ताओं के आलावा विनोद(बंटी) मोदी भाटापारा ने गीतों के माध्यम से आचार्यश्री की महिमा का सुंदर बखान किया,जिसमे उन्होंने चांद और सूरज से आचार्य श्री की तुलना की। कुसुम जैन,पुस्पा जैन, किरण नायक,ने भी गीत प्रस्तुत किया,कार्यक्रम में सर्वप्रथम महेंद्र जैन ,अशोक नायक,अशोक जैन ,मंगल जैन ,नरेंद्र जैन,एवम राकेश जैन जो की जैन समाज नेवरा के संरक्षक है ने दीप प्रजालन कर कार्यक्रम प्रारंभ किया,उसके बाद मंगलाचरण स्वस्ति जैन ने किया।महिलाओं में मुख्य वक्ता श्री मती ऋतु जैन,निशा जैन, सपना जैन ,नेहा जैन, पार्षद चंद्रकला वर्मा गौरक्षक श्री मती सिमरन खूबचंदानी रही।
कार्यक्रम में उपस्थित पार्षद लक्ष्मीनारायण वर्मा,प्रदीप अग्रवाल, देवा दास टंडन, कृष्णा शर्मा,मनोज निषाद,
सिंधी समाज से खेमचंद विरानी,अशोक बड़वानी, लक्ष्मीचंद नागवानी, हीरा भोजवानी,धनराज खत्री सहित सैकड़ों सिंधी समाज के सदस्यगढ़ एवम अग्रवाल समाज से ओमप्रकाश अग्रवाल, ओमप्रकाश गोयल, शिव अग्रवाल, भीखमचंद, संजय अग्रवाल ,सहित अग्रवाल समाज के सभी पदाधिकारीगण उपस्थित थे।ब्राह्मण समाज से शंकरलाल शर्मा, दिलीप शर्मा, बैजू शर्मा,गौरव शर्मा, मनीष शर्मा, सहित समस्त समाज के लोग उपस्थित थे, वर्मा समाज से गोपाल वर्मा,खुमान वर्मा, दिलीप वर्मा (पत्रकार),मौजूद थे।पत्रकारों में इंद्र कोटवानी,नरेंद्र शर्मा,मोती ज्ञानचंदानी,गोरी शंकर सैनी मुक्यता से उपस्थित रहे सभी ने श्रीफल चढ़कर अपनी विन्यांजलि अर्पित की।अंत में जैन समाज के पदाधिकारी मनोज जैन, शैलेश जैन, गौरव जैन, अमित जैन, अनिल जैन, सुरेंद्र जैन, रूपेश जैन, योगेश जैन, सुदेश जैन, अभिषेक जैन, गुड्डू जैन, नवीन जैन ,नीति जैन, निलय जैन, सुमित जैन, ने राष्ट्रसंत को भारत रत्न से विभूषित करने की मांग किया है।
Tags
आयोजन