RKK दुर्गकोंदल/ भानुप्रतापपुर:- छत्तीसगढ़ प्रबंधक संघ का प्रदेशव्यापी हड़ताल का असर तीसरा दिन से ही दिखने लगा है। 6 फरवरी से प्रदेश में लघुवनोपज संघ के प्रबंधक अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए है। जिसका सीधा असर प्रधानमंत्री की महत्वपूर्ण मिलेट्स योजना पर साफ देखने को मिल रहा है। छत्तीसगढ़ में न्यूनतम समर्थन मूल्य योजना अंतर्गत 65 प्रकार के वनोपजों एवं तीन प्रकार के मिलेट्स जिसमे कोदो, कुटकी एवं रागी का संग्रहण प्राथमिक लघुवनोपज संघ के प्रबंधकों के माध्यम से किया जाता है। प्रबंधको के अनिश्चितकालीन हड़ताल में चले जाने से प्रदेश में मिलेट्स खरीदी शून्य हो गई है। साथ ही ग्रामीण किशानो को मिलेट्स बिक्री हेतु दर-दर भटकना पड़ रहा है। इस स्थिति का फायदा उठाते हुवे बिचौलिए पूर्ण रूप से हावी हो गए है। सरकारी खरीदी बंद होने से ग्रामीण मिलेट्स को आधे दाम में बेचने को मजबूर हो गए हैं।
अन्य योजनाएं हो रही प्रभावित
प्रबंधकों के हड़ताल में जाने के चलते प्रदेश में मुख्य रूप से तेंदूपत्ता बोनस भुगतान, 14 लाख परिवारों का बीमा, छात्रवृत्ति, 68 प्रकार के लघुवनोपज का न्यूनतम संग्रहण दर में संग्रहण आदि योजनाएं प्रभावित हो रही हैं।
*लघुवनोपज भानुप्रतापपुर प्रबंधक संघ के अध्यक्ष सदाराम साहू , उपाध्यक्ष मोनूराम ध्रुव कार्यकारिणी अध्यक्ष रामरतन पोया परिक्षेत्र दुर्गुकोंडल अध्यक्ष रामसाय गावडे ने बताया कि* प्रबंधक विगत 36 वर्षों से 14 लाख लघुवनोपज संगठनकर्ता परिवारों को शासन की विभिन्न योजनाओं का लाभ पहुँचा रहे है। किन्तु अधिकारियों द्वारा लगातार हमारा शोषण किया जा रहा है। श्री साहू ने कहा हमारे प्रबंधक विगत 36 वर्षो से आम जनता से जुड़कर उन्हें शासन की महत्वपूर्ण योजनाओं का लाभ पहुँचा रहे है। साथ ही प्रदेश के 902 में से 400 से अधिक प्रबंधक अभी 2 वर्षो के अंदर ही बिना नियमितीकरण एवं बिना किसी शासकीय सेवा का लाभ लिए रिटायर हो जाएंगे। जिसका प्रभाव उनके परिवार के भरण पोषण पर भी साफ दिखाए देगा।
वन कर्मचारी संघ ने दिया समर्थन
छत्तीसगढ़ प्रबंधक संघ के राज्यव्यापी हड़ताल पर जाने के बाद अक्सर देखा गया था कि उनके काम को वन विभाग के अधिकारी-कर्मचारियों को दे दिया जाता था। किन्तु छत्तीसगढ़ वनकर्मचारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष मूलचंद शर्मा ने प्रधान मुख्य वन संरक्षक एवं वनबल प्रमुख को लिखित लेटर देकर साफ कर दिया है कि उनका प्रबंधको के हड़ताल को पूर्ण समर्थन है। साथ ही उन्होंने लेटर लिख प्रबंधकों के मांग को जल्द से जल्द पूर्ण करने की भी अपील की है।
प्रबंधकों ने राज्य सरकार को दिलाये 13 राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय अवार्ड
प्रबंधको के लघुवनोपज संग्रहण, विपणन, स्व सहायता सशक्तिकरण एवं अन्य जनता से जुड़ी योजनाओं के सफल संचालन के चलते ही विगत वर्षों में छत्तीसगढ़ को 13 राष्ट्रीय-अन्तर्राष्ट्रीय अवार्ड मीले थे।
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