संतोष मरकाम कोण्डागांव - रासायनिक खाद के उपयोग के कारण किसानों के लिए बढ़ती जा रही लागत से छूटकारा दिलाने के साथ ही मृदा पर पड़ रहे प्रतिकूल प्रभावों से निजात दिलाने के लिए प्राकृतिक खेती की ओर कदम बढ़ाने की मांग पूरी दुनिया में की जा रही है। यही कारण है कि प्राकृतिक खेती से उपजी फसल की कीमत भी अब किसानों को बहुत अच्छी मिल रही है। इसी कड़ी में कोंडागांव जिले में भी प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए 300 कृषि सखियों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है। मंगलवार को संबलपुर में आयोजित कृषि सखियों के प्रशिक्षण में जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी नीलम टोप्पो पहुंचे और प्रशिक्षण का अवलोकन किया।
उन्होंने इस दौरान कृषि सखियों को प्राकृतिक कृषि के इस प्रशिक्षण का लाभ भलीभांति उठाते हुए अधिक से अधिक सीखने को कहा। उन्होंने कहा कि रासायनिक खाद के उपयोग के कारण मानव शरीर के साथ ही प्रकृति पर पड़ रहे दुष्प्रभावों के कारण अब पूरा विश्व प्राकृतिक कृषि से उपजे फसल की मांग कर रहा है। यह उचित अवसर है कि इसका प्रशिक्षण लेकर हम प्राकृतिक खेती के माध्यम से अधिक उपज की तकनीक सीखें, जिससे इस मांग को पूरा करते हुए अपनी आय को बढ़ा सकें। उन्होंने मृदा प्रबंधन के अभाव में निरंतर गिरती जा रही उर्वरता को दूर करने के लिए मृदा प्रबंधन के प्रशिक्षण का भी लाभ उठाने की अपील की, जिससे भूमि की उर्वरता निरंतर बनी रहे और फसल की उपज अच्छी हो। इस अवसर पर राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के जिला कार्यक्रम प्रबंधक विनय सिंह भी उपस्थित थे।
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