मन्नू साहू / विवेक साहू नरहरपुर :- 28 फ़रवरी को विकास खंड अंतर्गत शा. उच्च.मा. वि. कुरालठेमली मे राष्ट्रीय विज्ञानं दिवस धूम धाम से आयोजन किया गया, मुख्य अतिथि विद्यालय के प्राचार्य तारा चंद सिन्हा व समस्त स्टाप के उपस्थिति मे माँ सरस्वती व डॉक्टर वी. सी. रमन के छायाचित्र में पूजा अर्चना व दीप प्रज्वलित करने के बाद कार्यक्रम का शुभारम्भ किया गया वही प्राचार्य ताराचंद सिन्हा ने बच्चों को राष्ट्रीय विज्ञान दिवस के बारे में विस्तार से बताते हुए कहा कि 28 फरवरी 1928 का दिन भारतीय इतिहास में एक महान दिन था, क्योंकि इसी दिन राष्ट्रीय वैज्ञानी डॉक्टर चंद्रशेखर रमन द्वारा एक विशेष आविष्कार किया गया था. वे एक तमिल ब्राह्मण थे और ऐसे पहले व्यक्ति थे, जिन्होने भारत में कोई शोध कार्य किया था.
इन्होने सन 1907 से लेकर 1933 तक इंडियन एसोसिएशन ऑफ द कल्टीवेशन ऑफ साइन्स, कोलकाता पश्चिम बंगाल में काम किया. इस समय में इन्होने कई विषयों पर शोध कार्य किया. जिसमें इनकी रमन प्रभाव नामक खोज एक विशेष खोज बन गई. उनके इस प्रयास के लिए उन्हे विभिन्न पुरुस्कारों से सम्मानित किया गया और साल 1930 में उन्हे नोबल पुरुस्कार भी दिया गया. उनके इस प्रयास को भविष्य में हमेशा याद रखने के लिए वर्ष 1986 में नेशनल काउंसिल फॉर साइन्स एंड टेक्नालजी कम्युनिकेशन द्वारा 28 फरवरी को राष्ट्रीय विज्ञान दिवस के रूप में घोषित करने के लिए कहां गया था. तब से भारतीय विज्ञान के क्षेत्र में 28 फरवरी को बहुत ही उत्साह से मनाया जाता है. इस दिन को भारत के वैज्ञानिक, शैक्षणिक, चिकित्सा, तकनीकी और अनुसंधान संस्थानों सहित सभी स्कूलों, कॉलेजों, और शैक्षणिक संस्थानों में छात्रों, शिक्षकों, वैज्ञानिको और शोधकर्ताओ द्वारा मनाया जाता है. वही कक्षा 9 वीं से कक्षा 12 वीं तक के बच्चों ने भी राष्ट्रीय विज्ञानं दिवस के बारे में अपना अपना विचार साझा किया साथ ही सभी प्रतिभागी बच्चों को पुरस्कृत भी किया गया l
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