RKK की रिपोर्ट दुर्गुकोंदल:- आज अंतरसंकुलस्तरीय नवोदय चयन परीक्षा हेतु मोटिवेशन कक्षा का शुभारंभ माॅ सरस्वती की छायाचित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर किया गया। इस अवसर पर खण्ड शिक्षा अधिकारी दुगूॅकोंदल एस पी कोसरे,नवोदय चयन परीक्षा के विशेषज्ञ ईश्वरीय सिन्हा,थानेश्वर चन्द्राकर संजय वस्त्रकार लक्ष्मी राठी मोहन रजक संकुल समन्वयक एस आर कोड़ोपी खेमंत सिन्हा एवं गोड़पाल कोङेकुरसे ओटेकसा संकुल के नवोदय प्रभारी शिक्षक व छात्राऐ अपने अभिभावको के साथ उपस्थित थे।
प्रत्येक विद्यालय व विद्यालय के शिक्षक तक पहुंचने की वृहत योजना ने विकासखंड के 27 संकुल को 9ज़ोन में विभाजित किया गया,प्रत्येक ज़ोन में दो,तीन या चार संकुल को सम्मिलित किया गया।दुर्गुकोंदल में दुर्गुकोंदल, भण्डारडिगी, आमागढ़; सिहारी में सिहारी, कोदापाखा, मेड़ो, मर्रामपानी; सुरुंगदोह में सुरुंगदोह एक व दो; तरहुल में तरहुल, आमाकडा, इरागांव; दमकसा में दमकसा, कलंगपुरी, तराईघोटिया; कोंडे में कोंडे, चिखलीएकब्व दो; कोडेकुर्से में कोडेकुर्से, ओटेकसा, गोड़पाल; लोहत्तर में लोहत्तर, जाड़ेकुर्से, हाटकोंदल में हाटकोंदल, पर्रेकोड़ो, झिटकाटोला में प्रातः 7 बजे से 12 बजे तक आकांक्षी विकास खण्ड में शिक्षा में गुणवत्ता सुधार, निपुण भारत, एफ एल एन के उद्देश्यों को प्राप्त करना है। विश्व बैंक की रिपोर्ट ने, भारत में स्कूल में पढ़ रहे बच्चों को मिल रही शिक्षा की वास्तविकता उजागर की है और बुनियादी साक्षरता और संख्यात्मक कौशल (एफ एल एन) की कमी की ओर भी इशारा किया है.एफ एल एन का अर्थ है कि बच्चों को वो योग्यता हासिल हो जिसके जरिये छात्र पढ़ने – लिखने, बोलने और व्याख्या करने में सक्षम हो सके।इसके साथ ही दिन-प्रतिदिन की समस्याओं को हल करने के लिए मूलभूत संख्यात्मक विधियों और विश्लेषण का उपयोग करने की क्षमता ग्रहण कर सके. इन कौशलों में आयु-उपयुक्त पाठ को समझने की क्षमता और आयु-उपयुक्त गणित करने की क्षमता शामिल है।इन कमियों की पहचान NEP 2020 द्वारा की गई थी और इस बात पर प्रकाश डाला कि भारत में 5 करोड़ से अधिक बच्चों ने एफ एल एन हासिल नहीं किया है और देश के सभी बच्चों द्वारा एफ एल एन कौशल की प्राप्ति को ‘सर्वोच्च प्राथमिकता’ भी दी गई है।भारत सरकार द्वारा देश के हर बच्चे को शिक्षित करने के लिए भारत सरकार द्वारा लगातार कोशिश की जा रही है। इसी तरह देश के छात्रों को शिक्षा के प्रति प्रोत्साहित करने के लिए भारत सरकार द्वारा निपुण भारत मिशन की शुरुआत की गई है। ताकि देश में नई शिक्षा नीति के माध्यम से ज्यादा से ज्यादा शिक्षा का लाभ मिल सके और साथ ही बच्चे और उनके अभिभावक भी शिक्षा के प्रति जागरूक हो सके। NIPUN Bharat Mission के माध्यम से बच्चों में आधारभूत साक्षरता और संख्यात्मक ज्ञान को बढ़ावा देना है ताकि आगे चलकर बच्चों का कारगर विकास हो सके। सरकार का प्रयास है कि देश के सभी बच्चों को गुणवत्तापूर्ण, बुनियादी शिक्षा प्रदान कर बच्चों में शिक्षा का पूर्ण सदुपयोग किया जा सके।प्रत्येक ज़ोन में अभिभावकों, शिक्षको व विद्यार्थियों को प्रोत्साहित करते हुए कहा कि "शिक्षा मनुष्य के व्यक्तित्व के सर्वांगीण विकास का आधार है। शिक्षित व्यक्ति समाज में विभिन्न सार्थक परिवर्तनों का वाहक होता है। शिक्षा लोकमत जागरण, लोकमत संस्कार, समाज प्रबोधन एवं सामाजिक परिवर्तन का आधारभूत तत्व है। इन सभी लक्ष्यों की प्राप्ति में शिक्षण संस्थाओं की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है।
शैक्षणिक संस्थान शिक्षा के केंद्र होते हैं। शिक्षा के द्वारा व्यक्ति के जीवन का निर्माण होता है। शिक्षा व्यक्ति की बुद्धि को प्रकाशित करती है एवं व्यक्तियों से समाज और समाज से राष्ट्र का निर्माण होता है,अतः शिक्षा द्वारा समाज का निर्माण होता है। शिक्षा के प्रकाश से ही समाज को जीवन मिलता है। इस प्रकार विद्यालय समाज-निर्माण के पवित्र स्थल हैं। विद्यालय को सूर्य की उपमा दी जाती है जिससे प्रकाशित होकर समाज को चेतना प्राप्त होती है। वास्तव में; शैक्षणिक संस्थान सामाजिक चेतना एवं सामाजिक परिवर्तन के केंद्र हैं,यही इनकी शाश्वत और सार्थक भूमिका है।"संजय वस्त्रकार ब्याख्याता ने कहा कि"शिक्षा में सुधार का आरंभ विद्यालय को जीवन से पुनः जोड़ने एवं उनमें घनिष्ठ संपर्क स्थापित करने से होगा जो कि आज की परंपरागत औपचारिक शिक्षा के कारण टूट चुका है। हमें विद्यालय को वास्तविक सामाजिक जीवन एवं सामाजिक गतिविधियों का केंद्र बनाना है जहाँ आदर्श मनुष्य-समुदाय के समान सुंदर और सहज जीवन की प्रेरणा और प्रणाली दिखाई दे।“प्रत्येक ज़ोन में इस विशेष कक्षा का संचालन इश्वरी सिन्हा सहायक शिक्षक चिटोद बालोद के द्वारा बच्चों,शिक्षको व अभिभावकों का मार्गदर्शन किया।
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