पवन बघेल तिल्दा नेवरा :- मेसर्स गोदावरी पावर एंड इस्पात संयंत्र स्थापना को लेकर आहूत पर्यावरण जनसुनवाई की तिथि काफी नजदीक है । क्षेत्रवासियो के मध्य विरोधी स्वर मुखर हो रहे हैं । उद्योग स्थापना को लेकर ग्रामीणों का आरोप है कि क्षेत्र की जनता की भावनाओं को नजर अंदाज कर अति पाल्यूशन युक्त उद्योग को बढ़ावा दिया जा रहा है । लोगों के जेहन से बार बार यही सवाल उभरकर सामने आ रही है कि जब उद्योग हेतु प्रस्तावित भूमि राजस्व के अंतर्गत आता है तो फिर करोड़ों रूपए वनक्षेत्र के नाम पर ब्यय क्यों किया गया । दशक पहले जिस भू भाग को वन परिक्षेत्र के नाम पर विकसित किया जाता रहा उसी पर आरा चलाकर अस्तित्व को ही खत्म करने का खेल खेला जा रहा हैं । गौरतलब हो कि रायपुर जिला तिल्दा जनपद पंचायत क्षेत्रांतर्गत ग्राम पंचायत सरोरा में मेसर्स गोदावरी पावर एंड इस्पात संयंत्र स्थापना हेतु लगभग साढ़े सात सौ एकड़ भूमि को उद्योग विभाग को हस्तांतरण किया गया है ।उक्त भूमि पर वनविभाग का कब्जा रहा । वन क्षेत्र के नाते उसे सहेजें गये और अब उन पर कुल्हाडी चलाने की मंशा जाहिर किया जा रहा है । इस मसले पर ग्राम पंचायत का कहना है कि उद्योग स्थापना हेतु क्षेत्रवासियो के भावनाओं के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है , जो कि समझ है परे है । पंचायत प्रतिनिधियों का कहना है कि जब प्रभावित ग्रामीणों से तालमेल ना बनाकर उद्योग स्थापना हेतु जनसुनवाई सुनिश्चित किया जा चुका है तो फिर जनसुनवाई की जरूरत ही क्या थी । ग्रामीणों का कहना है कि महज खानापूर्ति हेतु पर्यावरण जनसुनवाई किया जा रहा है । बताया जा रहा है कि कथित भूमि को उद्योग को हस्तांतरण करने के पूर्व ग्रामीणों ने नियमानुसार आपत्ति भी दर्ज किया था । फिर भी उद्योग विभाग को हस्तांतरित कर दिया गया । वहीं तात्कालिक कलेक्टर से पंचायत प्रतिनिधियों एवं ग्रामीणों ने कथित भू भाग वनक्षेत्र में वन्य प्राणियों में हिरण, जंगली सुअर लोमड़ी , खरगोश, भैंस जैसे अन्य पशुओं के बसेरा का हवाला देते हुए संयंत्र स्थापना का विरोध किया था । उस समय जिला कलेक्टर ने ग्रामीणों को उद्योग स्थापना की अनुमति नहीं देने को आश्वस्त भी किया था । उसके बावजूद उद्योग स्थापना हेतु मनमानी बरती जा रही है। सरपंच प्रतिनिधियो ने आगे कहा कि जनसुनवाई में उद्योग स्थापना का पुरजोर विरोध किया जावेगा ।इधर ग्रामीणों का कहना है कि कथित भू् भाग को उद्योग हस्तांतरण के पूर्व आपत्ति भी दर्ज करायी गई थी । क्षेत्रवासी नहीं चाहते कि क्षेत्र में भारी पाल्यूशन युक्त उद्योग का स्थापना हो ।
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