दिनेश साहू की रिपोर्ट चारामा- विकासखंड का सबसे बड़ा चारामा का मेला जनवरी के अंतिम सप्ताह के रविवार को आयोजित किया जाता है । जिसके लिए तैयारी सप्ताह भर पहले से ही प्रारंभ हो जाती है । बड़े मेले में कारोबार अच्छा होने व कुछ पैसे कमाने की उम्मीद में दूर दूर से व्यापारी यहाँ पर कारोबार करने पहुंचते हैं । तीन चार दिनों तक लगने वाले इस मेले मे मीनाबाजार की टीम से भी सैकड़ों व्यापारी शामिल होते हैं । वहीं हवाले से मिल रही खबरों के मुताबिक उन्ही की टीम में छत्तीसगढ़ के साथ साथ उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड सहित कई अन्य राज्यों से भी कुछ ऐसे लोग भी शामिल होते हैं । जिनकी पुलिस रिकार्ड में मुसाफिरी तक दर्ज नहीं करवाई जाती । ऐसे ही लोग मेले में अवैध गतिविधियों को अंजाम देने का काम करते हैं । और शांतिपूर्ण ढंग से चलने वाले मेले के माहौल को दूषित करने का काम करते हैं । उनका इस मेले में पहुँचने वाले गरीब ग्रामीणों की पाकेट के पैसों को लालच देकर जुए में हराकर लुटने की जिम्मेदारी होती है । ऐसे लोग पुलिस प्रशासन के साथ सांठगांठ कर बेधड़क लूट खसूट में लगे होते हैं । और मेले में खुलेआम ताशपत्ती से जुआ,सट्टा,स्टाईगर और खुड़खुड़ीया चलवाते हैं । तीन चार दिनों में जुए में ग्रामीणों से लाखों रुपये लूटकर ऐसे लोग अन्य जगहों के मेले में पहुंचकर फिर से वही काम में लग जाते हैं । स्टाईगर वाले इस जीत हार के खेल में तो एक महिला भी अपनी पूरी गैंग के साथ क्षेत्र के सभी मेलों में पहुँचती है । जिसकी सभी थाने चौकियों में अच्छी धमक है । फ़िलहाल छोटी बड़ी सभी जगहों में अभी लगातार मेले मड़ई का सीजन चल रहा है । ऐसे में इन अवैध गतिविधियों में लिप्त रहने वाले लोगों का काम भी धड़ल्ले से चल रहा है । जिसके कारण कुछ स्थानीय व बाहरी व्यापारियोँ को इसका खामियाजा भुगतना पड़ता है । मीनाबाजार के संचालक यहाँ पर प्रशासनिक अधिकारियों,पुलिस,जनप्रतिनिधियों,प्रतिष्ठित लोगों व पत्रकारों को खुश करने जानलेवा झुलों के लिए फ्री पास बांटते है । वहीँ गरीब तबके के लोग जो मेले में झूला झुलने आते हैं । अनाप शनाप झुलों का चार्ज लेकर उन फ्री पास के पैसों को भी इन गरीबों से वसूलते हैं । अब देखना यह है कि इस खबर के बाद स्थानीय पुलिस व प्रशासन ऐसे लोगों को नियंत्रित करने के लिए किस तरह के कदम उठाती है । या फिर वैसे ही इनका काम चलता रहेगा । जैसा पहले से चलता आया है ।
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