दिनेश साहू चारामा :- नगर पंचायत चारामा में एक बार फिर से हैरान करने वाला मामला सामने आया है। ग्राम पंचायत से नगर पंचायत का दर्जा मिलने के बाद से लोगों के खून पसीने की कमाई के पैसों को -राजस्व के रुप में वसूली कर -शासन के द्वारा -नगरीय क्षेत्रों में निवासरत लोगों को सुविधा प्रदान करने के लिए -कई कई गाड़ियों व अन्य मशीनों की खरीदी की जा चुकी है। जिसके बाद भी लोगों को समय पर उनका लाभ नही मिल पा रहा है। क्योंकि सरकारी सम्पत्तियों की देखभाल करने में नगर पंचायत के द्वारा घोर लापरवाही बरती जा रही है।नगर को स्वच्छ रखने के लिए कचरा एकत्रित करने वाली जर्जर टाटा एस गाड़ियों, ट्रैक्टर और ट्रालियो की दुर्दशा तहसील कार्यालय के पीछे परिषर में देखी जा सकती है।
वहीं कचरे से खाद बनाने वाली बॉयो सेग्रेशन मशीन को खरीदी के बाद से अब तक एक बार भी उपयोग नही किया जा सका है। नगर में पानी की सप्लाई करने वाली दो-तीन टैंकर भी अपनी बदहाली पर आँसू बहाते देखे जा सकते हैं। सेप्टिक टैंक सफाई के लिए दो-दो क्लीनर मशीने खड़ी-खड़ी जंग खा रही हैं। जिसके बाद भी कुछ ही महिनों पहले नगर की ड्रेनेज की सफाई के लिए सिंगल बकेट वाली हाइड्रोलिक दो चक्के वाली ट्रॉली की खरीदी की गई है। लेकिन नगर के लगभग सभी वार्ड की गलियाँ अत्यंत संकरी होने के कारण इसका भी कहीं पर भी उपयोग होते नजर नही आ रहा है। वहीं डोर टू डोर कचरा इकट्ठा करने वाली एक भी रिक्शा की हालत सही नही है। बेकार खड़ी कई गाड़ियों के तो कलपुर्जे भी अब धीरे-धीरे गायब हो रहे हैं। वर्तमान में नगर पंचायत में कुछ बैटरी वाली वाहनों से कचरा एकत्रित किया जा रहा है। लेकिन भारी भरकम लागत की इन कबाड़ में तब्दील होने वाली सरकारी गाड़ियों और मशीनो की ओर अब तक न ही स्थानीय प्रशासन का ध्यान है और न ही नगर पंचायत के किसी जिम्मेदार जनप्रतिनिधि का। जिन वाहनों का उपयोग नगर पंचायत के कचरों को उठाने के लिए होना चाहिए। देखरेख के अभाव में अब वो खुद ही कचरा और कबाड़ में तब्दील होती जा रही है। अब आगे देखना यह है कि क्या सच में स्थानीय प्रशासन व जनप्रतिनिधि इससे बेखबर हैं या फिर इन कीमती सरकारी संपत्तियों को कबाड़ बनाने के पीछे कोई बहुत बड़ा षडयंत्र चल रहा है ।
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