दिनेश साहू चारामा :- अंचल के ग्राम गिरहोला में आयोजित श्री शिव महापुराण कथा का पार्थिव शिवलिंग पूजन,हवन पूर्णाहुति,भंडारे और शोभायात्रा के साथ दिन रविवार को समापन हुआ । कथा का वाचन पंडित दाऊलाल तिवारी जी के सानिध्य में सम्पन्न हुआ ।
कथा की शुरुआत सोमवार 8 जनवरी से ग्राम गिरहोला के टिकरापारा में सभी ग्रामीणों के सहयोग से की गई थी। 7 दिवसीय इस कथा के अंतिम दिवस द्वादश ज्योतिर्लिंग की कथा का वाचन किया गया । कथा के पूर्व 201 पार्थिव शिवलिंग का अभिषेक एवं षोडशोपचार के साथ पूजन किया गया । जिसके उपरांत कथा आरम्भ की गई ।कथा व्यास पंडित ने शिवमहापुराण के बारे में बताया कि भगवान शिव के विविध अवतार भक्तों के उद्धार के लिए हुआ है । भगवान शिव पापों का नाश करने वाले देव हैं तथा बड़े सरल स्वभाव के हैं । अपने नाम के अनुरुप ही बड़े भोले-भाले एवं शीघ्र ही प्रसन्न होकर भक्तों को मनवाँछित फल देने वाले हैं । उन्होंने कहा कि भगवान शिव मनुष्य को सांसारिक बन्धनों से मुक्ति प्रदान करने वाले देव है । शिव की भक्ति से सुख शांति व समृद्धि प्राप्त की जा सकती है । इस अलौकिक शिवपुराण की कथा सुनना अर्थात पाप से विमुक्त होना है ।
इस दौरान कथा श्रवण करने के लिए सैकड़ों की संख्या में भक्त कथा स्थल पहुँचे । सभी श्रद्धालू पार्थिव शिवलिंग के पूजन और हवन पूर्णाहुति में शामिल रहे । शिव महापुराण में अंतिम दिवस आयोजित भोग प्रसादी में बड़ी संख्या में लोगो ने प्रसाद ग्रहण किया । संध्या 4:30 बजे बाजे गाजे के साथ पूरे गांव में विशाल शोभायात्रा निकाली गई ।
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