दिनेश साहू चारामा :- चारामा मे हर वर्ष जनवरी के अंतिम सप्ताह में रविवार के दिन वार्षिक मेले का आयोजन किया जाता है । यह चारामा विकासखंड का सबसे बड़ा मेला है । इसलिए यहाँ दूर दूर से लोग व्यापार करने पहुंचते हैं। इस मेले में लगने वाला मीना बाजार लोगों के लिए मुख्य आकर्षण का केंद्र होता है । जहां पर लोगों के मनोरंजन के लिए मीना बाजार के संचालक के द्वारा बड़े -बड़े जानलेवा झूले लगाए जाते हैं । कुछ ही मिनट के मनोरंजन के लिए लोग इन गगनचुंबी झुलों पर झूलते हुए अपनी जान दांव पर लगाते हैं । ईश्वर न करें कभी ऐसी घटना हो । लेकिन जरा गंभीरता से इन जानलेवा झूलों के बारे में सोंचने पर रूह कांप जाती है । वर्षों हो गए नगर में मेले का आयोजन होते हुए। लेकिन इस गंभीर विषय पर आज तलक स्थानीय प्रशासन ने संज्ञान लेना उचित नही समझा । पिछले वर्ष भी कांकेर के वार्षिक मेले में छोटे बच्चों के लिए लगाए गए ट्रेन वाले झूले के दुर्घटनाग्रस्त हो जाने से कुछ बच्चे गंभीर रुप से घायल हो गए थे । जिन्हे मीनाबाजार के संचालक ने बड़ी ही आसानी से पीड़ितों के गरीब परिजन व स्थानीय प्रशासन को ले देकर निपटा लिया था । फिर कुछ ही दिनों के बाद वही दुर्घटना चारामा के वार्षिक मेले में घट गई । फिर से बच्चों वाली ट्रेन पलटी बेहद छोटे छोटे बच्चों को घटना का शिकार होना पड़ा । मामला चारामा थाने तक पहुंचा लेकिन मीना बाजार के संचालक को ऐसी घटनाओं से निपटने में मास्टरी होने के कारण ले देकर मामला यहाँ भी निपट गया । मेले तो हर साल होते रहेंगे । लेकिन अब चिंता इस बात को लेकर है कि मीनाबाजार के संचालक कब तक लोगों की जान से खिलवाड़ करते रहेंगे । कभी अकस्मात इन झूलों से लोगों पर अनहोनी घटना घट जाए तो जवाबदेही किसकी होगी । इस बात का स्थानीय प्रशासन को संज्ञान मे लेते हुए मीना बाजार के संचालक से लिखित में रजिस्टर्ड शपथ पत्र लेने की आवश्कता है । जिससे कि मेले मे झूलों से होने अनहोनी एवं जानलेवा घटना घटने पर पीड़ित को उपचार व उनकी सुरक्षा की जिम्मेदारी तय हो सके । फिलहाल चारामा मेले के आयोजन में कुछ समय शेष है । इस दौरान मेला समिति,स्थानीय प्रशासन व मीना बाजार के संचालक की बैठक के बाद ही तय हो पाएगा कि आखिर घटना होने पर पीड़ित व्यक्ति के जानमाल की जवाबदारी किसकी होगी ।
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