संतोष मरकाम की रिपोर्ट ब्यूरो चीफ बस्तर संभाग- दिनांक 28/12/2023 को आदिवासी युवा छात्र संगठन लोहंडीगुड़ा ने हसदेव के गिरफ्तार आंदोलनकारियों की रिहाई और जंगल कटाई पर रोक हेतु राष्ट्रपति और मुख्यमंत्री छत्तीसगढ़ शासन के नाम से अनुविभागीय अधिकारी राजस्व को सौंपा ज्ञापन।
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हसदेव अरण्य में कोयला खदानों के लिए पेड़ कटाई का विरोध कर रहे आंदोलनकारियों को गिरफ्तार कर लिया गया है। हसदेव में जंगल की कटाई पर रोक लगाने की मांग की है। सोशल मिडिया, पेपर कतरन से प्राप्त जानकारीनुसार हसदेव आंदोलन का नेतृत्व करने वाले रामलाल करियाम, जय नंदन पोर्ते, ठाकुर राम और कई अन्य साथियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। यहां पर अडानी के एमडीओ वाले खदान के आबंटन और जंगल की कटाई का विरोध करने के लिए ग्रामीण एक वर्ष से अधिक समय से आंदोलन कर रहे है। सोशल मिडिया पर डाले गए एक विडियो में दिखाई दे रहा है कि कुछ पुलिस वाले आदोलनकारीयों के घरो में पहुंचे हैं और वह उन्हें अपने साथ चलने के लिए कह रहे है। ये यह भी कह रहे है कि कुछ देर में वापस लौट जाना, अपना नाम कटवा लेना। महिलाये कह रही है कि, अभी ठीक से सुबह भी नहीं हुई है और आप लोग इनको लेकर जा रहे है। इसके बाद एक वाहन में आंदोलनकारी बैठे हुए दिखाई दे रहे है। उन्होने कहा है कि हरदेव अरण्य के आदिवासी अपना जल, जंगल, जमीन बचाने के लिए लड़ाई लड़ रहे है। उनको उठाकर जेल में बंद किया जा रहा है। क्या सरकार बनते ही आदिवासी मुख्यमंत्री का सबसे पहले काम यही था? किसान, मजदूरों को तीन-चार जगह से उठाया गया है। छत्तीसगढ़ की सत्ता में काबिज होते ही भाजपा सरकार ने अपने चहेते कार्पोरेट अडानी के लिए संसाधनो की लूट और आदिवासीयों के दमन की कार्यवाही शुरू कर दी है। इसी कारगुजारी के तहत सुबह-सुबह गाँव में भारी पुलिस फोर्स को तैनात करके परसा इंस्ट केते बासेन कोयला खदान के लिए पेड़ो की कटाई शुरू कर दी गई है। इसके पहले कई आदोलनकारियों साथियों को नजरबंद, गिरफ्तार कर लिया गया है।
ओर उन्होंने कहा, आदिवासी युवा छात्र संगठन ने भाजपा सरकार की इस दमनात्मक कार्यवाही की कड़े शब्दों में भर्त्सन करती है और आदिवासी साथियों की तत्काल रिहाई की मॉग करते हुए हसदेव के जंगल विनाश पर रोक लगाने की मॉग करती है। हसदेव अरण्य छत्तीसगढ़ का समृद्ध वन क्षेत्र है, जहां हसदेव नदी और उस पर मिनीमाता बांगो बाँध लिखा है कि हसदेव अरण्य में कोयला खनन से हसदेव नदी और उस पर बने मिनीमाता का कैचमेंट है, जिससे 4 लाख हेक्टेयर जमीन सिंचित होती है। केन्द्र सरकार के ही एक संस्थान भारतीय वन्य जीव संस्थान ने अपनी रिपोर्ट में लिखा है कि हसदेव अरण्य में कोयला खनन से हसदेव नदी और उस पर बने मिनीमाता बांगो बांध के अस्तित्व पर संकट होगा।
प्रदेश में मानव-हाथी संघर्ष फिर कभी उसे कभी सम्भाला नहीं जा सकता। इतना बढ़ जाएगा की छत्तीसगढ़ विधानसभा ने 26 जुलाई 2022 को अशासकीय संकल्प सर्वानुमति से संकल्प पारित किया था कि हसदेव अरण्य को खनन मुक्त रखा जाए।
संपूर्ण सरगुजा संभाग अनूसूचित क्षेत्र अंतर्गत आता है। इस क्षेत्र में ग्राम सभा सर्वोपरी होता है। किसी भी ग्राम सभा ने खनन की अनुमती नही दी है, ईस्ट केले बासेन कोयला खदान के दूसरे चरण के लिए खनन वनाधिकार कानून, पेसा अधिनियम, और भू-अर्जन कानून का उल्लंघन हुआ है। आदिवासी युवा छात्र संगठन ने कहा है कि जिन जंगलो का विनाश किया जा रहा है। उसके प्रभावित गांव घाटबर्स गांव को मिले सामुदायिक वन अधिकार पत्र को गैरकानूनी रूप से तत्कालीन भाजपा सरकार द्वारा ही निरस्त किया गया था, जिसका मामला पुनः बिलासपुर उच्च न्यायालय में लंबित है। नव निर्वाचित भाजपा सरकार को जिस विश्वास के साथ इस प्रदेश और खासकर सरगुजा के आदिवासीयों ने सता सौपी है। सरकार का कृत्य उसके साथ सीधा विश्वासघात है। आंदोलनकारियों की रिहाई और जंगल कटाई नहीं रोकी गई, तो पूरे प्रदेश में व्यापक आंदोलन शुरू किया जायेगा।
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