मन्नू साहू / विवेक साहू नरहरपुर - राज्य में वन्य प्राणियों क्षेत्रों का विकास कर उनके संरक्षण तथा सर्वधन के लिए निरतंर कार्य हो रहे हैं। इसके तहत् संरक्षित क्षेत्रों एवं क्षेत्रीय वन मण्डलों में वन्यप्राणी संरक्षण, संवर्धन, प्रबंधन एवं रहवास क्षेत्रों का विकास कार्य किया जा सके वही 28 दिसम्बर शनिवार को ग्राम अभनपुर चिहरिपारा के माध्यमिक शाला में राष्ट्रीय सेवा योजना शिविर में वन विभाग नरहरपुर के द्वारा वन्य प्राणियों के रहवास क्षेत्रो का विकास एवं संरक्षण हेतु कार्यशाला में विस्तृत जानकारी उपस्थित लोगो को दिया गया साथ ही इस कार्यशाला में विभिन्न योजनाओं के तहत् वन क्षेत्रों में जलस्त्रोतों का विकास, तालाब, एनीकट एवं स्टॉप डेम निर्माण, नल कूप खनन, चरागाह विकास, तालाब, बाड़ा निर्माण कार्य सतत रूप से किया जा सके l चारागाह विकास का कार्य किया जा सके ताकि शाकाहारी वन्य प्राणियों को सुगमता से भोजन उपलब्ध हो सके। इसके फलस्वरूप वन्य प्राणियों की संख्या में निरतंर वृद्धि हो। संरक्षित क्षेत्रों में लेण्टाना का प्रकोप को कम करने की दिशा में भी कार्य किया जा रहा है। इस कार्य से एक तरफ लेण्टाना से वन्यप्राणी विचरण के लिए खुले स्थान मिलेेंगे तथा दूसरी ओर इन खुले स्थानों में घास एवं अन्य पौधों को पनपने का अवसर मिलेगा, जो हमारे वन्य प्राणियों के लिए उपयुक्त भोजन है। ऐसे क्षेत्रों में चारगाह मैदान भी विकसित किये जा रहे हैं। वही लोगो को जानकारी दिया गया कि वन्य प्राणियों के रहवास सुधार कार्यक्रम में जल उपलब्धता एक महत्वपूर्ण घटक है। विशेषकर ग्रीष्म ऋतु में पानी के अभाव में वन्य प्राणी आबादी क्षेत्रों में प्रवेश कर जाते हैं जिसके कारण मानव-वन्यप्राणी द्वंद की स्थिति निर्मित होती है और वन्य प्राणियों को नुकसान भी होता है। यादि पानी की उपलब्धता संरक्षित क्षेत्रों में ही सुनिश्चित किया जाए तो इस समस्या से निजात पाया जा सकता है। इसी तरह वन्य प्राणियों के प्रति सकारात्मक सोच, जागरूकता एवं बचाव के उपाय के बारे में आमजनता को जागरूक करने हेतु प्रसार प्रचार वन विभाग के द्वारा किया जा रहा हैं l इस कार्यशाला के अवसर पर प्राचार्य बी. एल. साहू, आर. टी. नेताम, सरपंच भाऊ राम नेताम,संलग्नधिकारी के. एल. साहू, उप मण्डलाधिकारी आर. एस. मरकाम, वन परिक्षेत्र अधिकारी शंकर दास सहित वन परिक्षेत्र के समस्त वन कर्मचारी, ग्रामीणजन उपस्थित थे l
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