ग्राम नेतानार में 10 ग्राम सभाओं द्वारा मनाया गया वन अधिकार महोत्सव.......छत्तीसगढ़ समाचार TV

संतोष मरकाम की रिपोर्ट ब्यूरो प्रमुख बस्तर संभाग- वन अधिकार कानून के 17 साल पूरे होने के उपलक्ष्य में ग्राम नेतानार, जगदलपुर जिला बस्तर में 10 ग्राम ग्राम सभाओं गुमलवाड़ा, नेतानार, गुडियापदर, बमनारास, पुलचा, तिरिया, तोलावाड़ा, नागलसर, पेंगारास, मिल्कुलवाडा के द्वारा आज दिनांक 16.12.23 को ग्राम सभा वन अधिकार महोत्सव दिवस मनाया गया। 
गौरतलब हो कि इन 10 ग्राम सभाओं को विगत 2 वर्षों में सामुदायिक वन संसाधन के अधिकार प्राप्त हुए हैं जिसका कुल क्षेत्रफल 17882 हेक्ट हैं. 
कार्यक्रम के शुरुवात में संतु मौर्य और फूलसिंह के द्वारा कार्यक्रम के उद्देश्य के बारे में बताया गया. कार्यक्रम शामिल हुए सीसीएफ श्री आर सी दुग्गा ने  जंगलों पे आजीविका के संबंध में अपनी बात रखते हुए कहा कि जंगल आधारित जीवन शैली बहुत अच्छी हैं जंगल बचेगा तो आदिवासी जीवन बचेगी। साथ भविष्य के लिए आजीविका को भी बढ़ा सकते हैं जिसके लिए सरकार के तरफ से बहुत सारी योजनाएं हैं साथ ही बस्तर जिला के वनोपज से होने वाले कुल राशियों के बारे में जानकारी दी।
विभिन्न ग्राम सभाओं से शामिल हुए ग्रामीणों के द्वारा भी सामुदायिक वन अधिकार कानून के लिए किए गए पहल के बारे में अपना अपना अनुभव और सीख को साझा किया गया. ग्राम नागलसर से बलदेव, तिरिया से लुकु नाग, नेतानार से गंगा नाग, धनवती ने भी वन संरक्षण और प्रबंधन ,और आजीविका विकास को लेकर अपना अपना बात रखे।
वन अधिकार कानून के जानकर अनुभव शोरी ने भी अपनी बात रखते हुए कहा की ये काम बहुत कठिन था, 10 ग्राम सभाओं को संयुक्त रूप से साथ लाना बहुत जरूरी हैं, तभी एक बड़े रूप में काम कर सकते हैं। ग्राम स्तरीय स्वशासन को स्थापित करने के बारे में भी बताया कि सीएफआर के माध्यम से गांव में एक लोकतांत्रिक व्यवस्था को स्थापित कर सकते हैं।
कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान के निदेशक गणवीर जी के द्वारा   सीएफआर गांव के पश्चात किए जाने वाले क्रियाकलापों के बारे में बताया गया की कैसे सामुदायिक वन संसाधन वन प्रबंधन योजना का निर्माण कर सकते हैं।
सर्व आदिवासी समाज के संभागीय अध्यक्ष प्रकाश ठाकुर ने सीएफआर मिलने के बाद की स्थिति के बारे में बताया कि अभी भी बहुत से गांव बाकी हैं जिनको सामुदायिक वन अधिकार मिलना बाकी हैं। इन गावों के लिए भी काम सभी को जुड़ कर काम करने की आवश्यक्ता हैं।
संयुक्त ग्राम सभाओं द्वारा 7 बिंदुओं पर मांग पत्र भी दिया गया। 
पूरे कार्यक्रम में वन विभाग, पंचायत विभाग के अधिकारी ,संयुक्त ग्राम सभा के सदस्य के साथ साथ लक्ष्मी नाथ, संतु मौर्य, बनसिंग मौर्य, कमलेश कश्यप, सुखदेव बघेल, सोमारु नाग, सर्व आदिवासी समाज से पप्पू नाग, बसंत कश्यप, बदलेव मौर्य, सुमित पोयम, लखेश्वर कश्यप, सुजीता माझी, सहदई शामिल थे। कार्यक्रम का संचालन तुलसी ठाकुर के द्वारा किया गया।

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