मनीराम सिन्हा ब्यूरो चीफ कांकेर- 2018 में 15 साल बाद सत्ता में वापस लौटी कांग्रेस इस बार 2023 के विधानसभा चुनाव में पूरे छत्तीसगढ़ में भाजपा की लहर ऐसी चली की कांग्रेस चारो खाने चीत हो गई।
और अपनी सरकार बनाने में कामयाब हो गई। कांकेर विधानसभा की बात करें तो 10 साल बाद भाजपा ने यहां वापसी की है। तो वहीं अब कांग्रेस को बिना विधायक के 5 साल विपक्ष की भूमिका निभानी पड़ेगी. 2013 में जब भाजपा की सरकार बनी तो कांकेर विधानसभा से कांग्रेस पार्टी के शंकर ध्रुवा विधायक निर्वाचित हुए। 2018 में कांग्रेस की सरकार बनी तो कांग्रेस के शिशुपाल शोरी विधायक निर्वाचित हुए. 2023 में पुनः भाजपा की सरकार बनी तो आशाराम नेताम विधायक निर्वाचित हुए। मतलब कांकेर विधानसभा सीट से भाजपा की जीत हुई है तब तब छत्तीसगढ़ में भाजपा की सरकार बनी है।
👉लगभग 10 हजार मतों से पिछड़ी कांग्रेस पार्टी नहीं पाट पाई गड्ढा
शुरू से ही नरहरपुर ब्लॉक को कांग्रेस का गढ़ माना जाता है। सभी की निगाहें इसी पर टिकी होती है। मतगणना के दौरान कांकेर ब्लॉक में कांग्रेस पार्टी लगभग 10 हजार वोटों से पिछड़ गई थी। लेकिन सभी को उम्मीद आस थी नरहरपुर ब्लॉक से कांग्रेस पार्टी को बहुमत मिलेगी और जीत हासिल होगी लेकिन इस बार का नजारा कुछ अलग निकला 10 हजार वोटों को पाटने में कामयाब तो हो गई लेकिन वोटों के अंतर को पार नहीं कर सकी. और महज 16 वोटों से आशाराम नेताम ने जीत हासिल की। और कांकेर के विधायक निर्वाचित हुए।
👉दो माह पूर्व ही प्रत्याशी की घोषणा करना रामबाण साबित हुआ
भाजपा के लिए २ माह पूर्व ही कांकेर विधानसभा से प्रत्याशी की घोषणा करना रामबाड़ साबित हुआ। प्रत्याशी को लोगों के बीच पहुँचने के लिए पुरा समय मिला जिसका पुरा फायदा भाजपा प्रत्याशी आशाराम नेताम् ने उठाया। और नतीजा आज सबके सामने है भले ही वोटों का अंतर कम है लेकिन उनकी मेहनत तारीफे काबिल है। घोषणा होने के बाद से उन्होंने कोई ऐसा गांव नहीं छोड़ा जहाँ नहीं पहुँच पाए. जिसका उनको पुरा लाभ मिला।
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