RKKकी रिपोर्ट दुर्गूकोंदल- दुर्गुकोंदल अंचल में गौरवमयी भारतीय संस्कृति का महापर्व दीवाली का त्योहार ग्रीन आतिशबाजी का आनंद लेते हुए हर्षाेल्लास के साथ मनाया गया। क्षेत्र में लोगों के घर व प्रतिष्ठान स्वछ सुंदर व विभिन्न प्रकार के रोशनी से जगमगा रहे था।
दीप पर्व में युवा, बच्चे व बड़े बुजुर्गों ने दीये जलाए और एक दूसरे के सुख-समृद्धि की कामना की।आतिशबाजी की प्रतिष्ठानों में बच्चे, युवक, युवती, बुजुर्गों का आतिशबाजी खरीदने का तांता लगा रहा।संध्या होते ही आतिशबाजी का आनंद लेते बच्चों,युवा व बड़े बुजुर्ग भी दिखाई दिए।
प्रत्येक घरो में श्रद्धालुओं ने अपने ईष्ट देवता और गुरु के नाम पर दीप जलाया और भगवान लक्ष्मी नारायण,प्रभु श्रीराम और गणेश जी का विधिविधान से पूजन कर मनोकामना पूर्ति की मंगलकामनाओ के साथ एक दूसरे के सुखसमृद्धि की कामना किये। घरों में पूजन के साथ ही विभिन्न मंदिरों में सामूहिक रूप से दीवाली पूजन किया गया। घर-आंगन के साथ मंदिर रोशनी से जगमग कर रहे थे।
संजय वस्त्रकार ब्याख्याता व अध्यक्ष कांकेर योगासन स्पोर्ट्स असोसिएशन ने बताया कि आलोक व ज्योति पर्व दीपावली ज्ञान का स्वागत तथा प्रज्ञा को आत्मसात करने का पर्व है,जो हमे शिक्षा देता है कि दीप की भांति स्वयं प्रज्वलित होकर अर्थात संघर्ष कर आत्मा की शक्ति को पहचानना ही आत्मज्ञान है। हमें बाहर किए जाने वाले प्रकाश को अपने जीवन में भी स्वीकार करना चाहिए। हम अच्छाई रूपी प्रकाश को अपनाएं और बुराइयों से बचें। इस प्रकाश का अर्थ है, हमें अपने जीवन में अच्छाई का संग करना चाहिए। गुणों के विकास से ही हमें जीवन में आनंद प्राप्त होगा।
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