रोहित वर्मा खरोरा -- शासकीय पूर्व माध्यमिक शाला छड़िया, संकुल केंद्र पचरी, विकासखंड तिल्दा नेवरा, जिला रायपुर में सुरक्षित शनिवार के तहत कार्यक्रम आयोजित किया गया। इसमें आज का थीम "गुरु नानक जयंती के प्रकाश पर्व पर चर्चा" जानकारियां साझा की गई। छात्रा भारती, दिया वर्मा, हिना, लिली, तान्या, हिमेश महिलांग, शुभम कोसले, चेतना, राशि, साजिका, शिवम, गजेंद् आदि विद्यार्थियों के साथ प्रधान पाठक एस के देवांगन ने कहा कार्तिक माह में शुक्ल पक्ष कि पूर्णिमा तिथि पर गुरु नानक देव जी का जन्म हुआ था।
शिक्षक धीरेंद्र वर्मा ने बताया गुरु नानक जी की माता का नाम तृप्ता और पिता का नाम कल्याणचंद था। गुरु नानक जी का जन्म 1469 में पंजाव प्रांत के तलवंडी में हुआ था। यह स्थान अब पाकिस्तान में है। इस स्थान को नानकाना साहिब के नाम से जाना जाता है। सिख धर्म के लोगों के लिए यह बहुत ही पवित्र स्थल है।
नानक देव जी एक संत, गुरु और समाज सुधारक भी थे। उन्होंने अपना पूरा जीवन मानव हित में समर्पित कर दिया था। कहा जाता है कि नानक जी बचपन से ही अपना ज्यादातर समय चिंतन में बिताते थे। वे सांसारिक बातों का मोह नहीं रखते थे। सरपंच आशीष वर्मा तथा शाला प्रबंधन विकास समिति के अध्यक्ष हेमलाल बर्मन ने संयुक्त रूप से कहा कि गुरुनानक देव ने समाज को एकता में बांधने और जाति-पाति को मिटाने के लिए कई उपदेश दिए थे। उनकी जयंती को हर साल गुरु पर्व या प्रकाश पर्व के रुप में मनाया जाता है। यह सिख धर्म में मनाया जाने वाला सबसे महत्वपूर्ण पर्व है। इस दिन गुरुद्वारों में कीर्तन दरबार सजता है।
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