रोहित वर्मा की रिपोर्ट खरोरा- पूरे देश के साथ ही छत्तीसगढ़ में आज सूर्य आराधना का महापर्व छठ पूजा धूमधाम से मनाया गया। । चार दिवसीय पर्व में आज उगते सूरज को अर्घ्य देकर पर्व का समापन हुआ। वही सूर्य पूजा का महापर्व छठ का रविवार को तीसरे दिन था ।शाम को व्रती नगर के तालाबों में जुटे। यहां डूबते सूरज को अर्घ्य दिया गया । यहां विश्व का एकमात्र पर्व है जिसमें डूबते सूर्य का भी सम्मान किया जाता है। यह बताता है कि उसका अस्त हुआ है और उसका उदय होना भी तय है।
सूर्य उपासना का महापर्व छठ पूजा पूरे उत्सव और उमंग के साथ मनाया गया । आज सूर्य उदय के समय सूर्य देवता को अर्घ्य देकर पूजा का समापन किया । आज उगते सूर्य को अर्घ्य देकर सुख समृद्धि की कामना की। 29नवंबर को लोगों ने सामूहिक रूप से पूजा अर्चना कर खुशहाली की कामना की। तालाब किनारे एकत्र होकर गन्ने से मंडप तैयार कर पूजा अर्चना किया । आज सूर्य को फल का अर्घ्य दिया गया । परंपरा अनुसार सूर्य उदय पर अर्घ्य देकर उपवास तोड़ने की परंपरा निभाई गई ।
चार दिनों तक चलने वाले पर्व के दूसरे दिन खरना हुआ। आज रविवार को व्रतीधारी महिलाएं संध्या छह बजे सूर्य देवता को अर्घ्य देकर 'पूजन किया इसके अगले दिन आज सुबह भगवान सूर्य को अर्घ्य देकर पर्व का समापन किया । मालूम हो कि छठ महापर्व सूर्य उपासना का सबसे बड़ा त्योहार है। हिंदू पंचांग के अनुसार कार्तिक शुक्ल पष्ठी तिथि पर छठ पूजा होती है।
यह व्रत कठिन माना जाता है। इसमें व्रती महिलाएं लगातार 36 घंटे निर्जला व्रत रखती हैं। सूर्य देव की उपासना और छठ मैया की पूजा करते संतान की प्राप्ति और लंबी उम्र की कामना करती हैं। नहाए-खाय के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान कर नए और साफ-सुबरे कपड़े पहनकर भोजन करेगी। निर्जला व्रत रखकर छठी मैया की पूजा की जाएंगी। आज डूबते सूर्य को तालाब में जाकर अर्ध्य दिया। छठ पूजा के लिए व्रती महिलाओं व पुरुषों के द्वारा कोसी ,पीतल , बांस का सुप दउरा , साड़ी , गन्ना , नारियल फल सहित पूजा अर्चना के लिए लिहाज से हर सामानों की टोकरी में भरकर तालाबों में ले जाया गया।
भगवान सूर्य के साथ छठी माई की भी पूजा-उपासना विधि-विधान के साथ की गई । छठी माई सूर्यदेव की बहन हैं। धार्मिक मान्यता के अनुसार छठ व्रत संतान प्राप्ति करने की कामना, कुशलता सुख समृद्धि और दीर्घायु की कामना के लिए रखा जाता है। तालाब में छठ पूजा के लिए रिचा गुप्ता , रजत गुप्ता और पप्पू गुप्ता , निशा गुप्ता , पर्थ गुप्ता , सुहानी गुप्ता , ,बसंती गुप्ता , रीना गुप्ता , सूरज गुप्ता , बंटी गुप्ता , शांति गुप्ता बड़ी संख्या में बच्चे युवा महिलाएं उपस्थित थे।
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