मन्नू साहू / विवेक साहू -- 9अक्टूबर सोमवार को सामुदायिक वन संसाधन अधिकार के बेहतर क्रियान्वयन हेतू वन परिक्षेत्र नरहरपुर के अंतर्गत परिक्षेत्र दबेना में एक दिवसीय प्रशिक्षण का आयोजन किया गया प्रशिक्षण के दौरान वन अधिकार नियम के अंतर्गत पांच अधिनियम विस्तार से प्रदान संस्था के शुभम सेन द्वारा बताया गया उन्होंने वन अधिकार कानून 2006 के प्रस्तावना में ऐतिहासिक अन्याय के बारे में जानकारी देते हुए वन अधिकार कानून के तहत गठित त्रिस्तरीय (ग्राम वन अधिकार समिति, उप खंड स्तर समिति, जिला स्तर समिति )के कार्य व भूमिका के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने वन अधिकार कानून के अंतर्गत धारा 3 (1) में दिये गए प्रावधान सामुदायिक वन अधिकार जिसमें निस्तार के अधिकार , गौण वनोपज संकलन, जैव विविधता, पारंपरिक ज्ञान बौद्धिक सम्पदा और जल संपत्ति के अधिकार के बारे में बताया। इसके साथ ही सामुदायिक वन संसाधन अधिकार के दावा प्रक्रिया के बारे में जानकारी दी। दावा प्रक्रिया के पूर्व ग्राम सभा में कोर समिति के गठन और वन अधिकार समिति के भूमिका के बारे में बताया। उन्होंने गाँव के पारंपरिक सीमा चिंहांकन व पहचान करने के लिए गाँव के बुजुर्ग, महिला और युवाओं के साथ पहचान करने और पारंपरिक सीमा चिंहांकन के दौरान सीमावर्ती गाँव के बुजुर्ग से लिखित सहमति लेने के प्रक्रिया के बारे में जानकारी दी। उन्होंने स्थल सत्यापन के दौरान वन विभाग एवं राजस्व विभाग की भूमिका, कोर समिति के कार्य में ग्राम संसाधन नक्शा बनाने के लिए सहयोग व पड़ोसी गाँव से सहमति लेने की प्रक्रिया और उप खंड स्तरीय समिति की।भूमिका के बारे में जानकारी दी। प्रशिक्षण कार्यक्रम मुख्य रूप से वन संसाधन अधिकार समिति के अध्यक्ष हलाल राम नेताम, रामेश्वर मरकाम, लखमा राम शोरी, लक्ष्मी मंडावी, चुम्मन तारम, मदन नेताम, वन परिक्षेत्र अधिकारी शंकर दास, वनपाल कमलेश दुबे, मुकेश मरकाम, हीरालाल कुंजाम, तामेश्वर सिन्हा, गौतम कुमार एलमा, जमील अहमद, जनताराम यादव, तुला राम मण्डवी, भिरेंद्र शोरी, सरस्वती गोटी, ललित मैरेया, जी. एल. नेताम, फूलचंद नाग, विष्णु नेताम, रिकेश्वर जैन, भैरम सिंह नेताम आदि उपस्थित थे l
Tags
प्रशिक्षण