रोहित वर्मा खरोरा --
8 अक्टूबर जयंती के बेरा म सादर नमन जोहार
_छत्तीसगढ़ सिनेमा के भीस्म पितामह भईया लाल हेड़ाऊ मूल रूप ले नाटक के महान कलाकार रहिन। हिन्दी गीत 'याद किया दिल ने कहा हो तुम, प्यार से पुकार लो जहा हो तुम' हजारों लोगन के बीच गाय त सबो कोती सन्नाटा पसर जाय। गाना सिराते ही भईया लाल के नाम गुंजे लागे, युवा दर्सक के फरमाइस म 'रंग बरसे भीगे चुनर वाली ' गाना सुरू करते हि भूचाल आ जाय। लोगन अपन पसंदीदा गीत सुने तभे मन भरें। मंच म हेमंत कुमार के हु-ब-हु आवाज निकाले अऊ अमिताभ बच्चन, रजा मुराद, अमरिस पुरी के आवाज म बात करे बर प्रसिद्ध रहिन। छत्तीसगढ़ी अऊ हिन्दी फिलिम म अपन कलाकारी के लोहा मनवाने वाला छत्तीसगढ़ के बलराज साहनी रहिन भईया लाल हेड़ाऊ।_
राजनांदगांव सहर के गोलबाजार मोहल्ला निवासी प्रख्यात अभिनेता गायक रंगकर्मी उदघोसक भईया लाल हेड़ाऊ के अवतरन 8 अक्टूबर 1933 के होय रहिस। पिता वासुदेव हेड़ाऊ रोजी रोटी बर गांव म हि आलू प्याज के दुकान लगाय, माता उमा देवी घर के बुता करे। पिता घलो बने कलाकार रहिन, गांव के दुमंजिला मकान म रहन बसन होय। माता के बिमार होय ले इलाज बर बनेच पइसा खर्चा हो जाय, पहली घर ल गिरवी रखिस फेर बाद म बेचे ल पड़गे। भईया लाल के असल कठिन जिनगी इंहे ले सुरू होथे, परिवार पाले बर हाट बाजार म आलू प्याज बेचे, मुसकिल बखत म सुखा चना खाके जमीन म सोय बर मजबूर रहिन, ओ समय बड़ तकलीफ ले गुजारीन। भईया लाल के 4 बाबू अऊ 2 नोनी होइस जेमे दु झन के देहांत होगे, एक लईका वेल्डिंग के काम जानय फेर काम नई मिलिस घरे म रहे, दूसर लइका हा टेडेसरा के निजी कम्पनी म काम करय। हरी प्रसाद ठाकुर के मदद ले भईया लाल ल गुरूजी के नौकरी मिलगे, तब जाके दु बखत के खाना नसीब होयल लगिस। लम्बा समय तक छत्तीसगढ़ संगीत कला जगत म अपन अमिट छाप छोड़के 88 बरस के उमर म भईया लाल हेड़ाऊ 22 मार्च 2020 के सरग सिधार लिन। मंच म सबो विधा अऊ पात्र म अभिनय करे बर पारंगत रहिन।
संगीत कला यात्रा : भईया लाल हेड़ाऊ मूल रूप ले रंगमंच म नाटक के महान कलाकार रहिन, संगीत कला के सुरूआत म सारदा संगीत समिति, मिलन संगीत समिति, राजभारती आर्केस्ट्रा ले जुड़के गीत गाय। सन 1971 म मंच के शिल्पी दाऊ रामचंद देसमुख के सान्निध्य म आके चंदैनी गोंदा म नवा रूप ले काम शुरू करिन। इंहा अभिनय, नाटक, गम्मत, गायन, उदघोसक, सबो तरह के काम करें। चंदैनी गोंदा में नाटक के सुरूआत से लेके आखिर तक भईया लाल के हि जलवा दिखय, सबो तरह के पात्र म ढ़ल जाय अऊ इमानदारी ले करय। बाकी कलाकार मन नाटक के जान रहय फेर भईया लाल नाटक के हृदय रहिस। 20 बरस के लम्बा समय चंदैनी गोंदा म काम करिन, येकरे पाय के आप ल छत्तीसगढ़ नाट्य विधा के विरासत माने जाथे। बाद में लोककला संस्था सोनहा बिहान, नवा बिहान, अनुराग धारा जइसे सांस्कृतिक मंडली म गायक के रूप म सेवा दिस। दूरदर्शन के संग आकासवानी म बरसाती भईया संग चौपाल कार्यक्रम म आवय अऊ रेडियो म लगातार गीत के प्रसारन होय।
हिन्दी फिलिम सदगति में अभिनय : छत्तीसगढ़ी सिनेमा के भीस्म पितामह भईया लाल हेड़ाऊ हिन्दी अऊ छत्तीसगढ़ी फिलिम दोनों म बेहतरीन अभिनय करिस। सन 1981 म प्रसिद्ध फिल्म निर्माता सत्यजीत रे ह मुंशी प्रेमचंद के कहानी सदगति ल लेके फिलिम बनाइस। येमे अभिनय करे बर छत्तीसगढ़ ले भईया लाल हेड़ाऊ के चयन होइस, जेमे ओमपुरी, स्मिता पाटिल, मोहन अगासे संग काम करेके मौका मिलिस। समाजिक व्यवस्था छुआछूत कहानी म आदिवासी के भूमिका निभाइस, फिलिम के कुछ अंश हा रायपुर महासमुंद म फिल्माय गये हे। अभिनय देखके बम्बई कलाकार हक्का बक्का हो जाय, कई झन बम्बई म रही के काम करे बर बोलय, फेर छत्तीसगढ़ के माटी प्रेम उन ल जान नई दिस। आप हिन्दी धारावाहिक, टेलिफिलिम म भी काम करेव, बोलीवुड के बलराज साहनी के जोरदार अभिनय करव, अमिताभ बच्चन, रजा मुराद, ओमपुरी के हु-ब-हु आवाज निकालव, हेमन्त कुमार के आवास म बेहतरीन गायकी करेव।
छत्तीसगढ़ी सिनेमा सफर : छत्तीसगढ़ी अऊ हिन्दी फिलिम मन म काम करके अपन अभिनय के लोहा मनवाने वाला भईया लाल हेड़ाऊ गायकी में साथ बहुत अकन छत्तीसगढ़ी फिलिम म काम करिन। रामचंद देसमुख के लघु कहानी कारी, दीपक चंद्राकर के लोकरंग म संवरी भाग एक भाग दो, करनखान अभिनित ये मोर बंटवारा, राज वर्मा के तरी हरी नाना म बाबूजी के किरदार जबर होंगे, कपील भट्ट के दुल्हिन बनाके लेजा, मनु नायक के मयारू भऊजी, सुंदरानी फिलिम म जय मां बम्लेश्वरी, पर्रा भांवर, सतीश जैन के टुरा रिक्शावाला येकर बाद संतोष जैन, क्षमानिधी मिश्रा मन लगाकर फिलिम एल्बम म काम दिन। छत्तीसगढ़ी फिलिम मंदराजी म छोटे से दमदार भूमिका निभाये इही आपके आखरी फिल्म आय। छत्तीसगढ़ी फिलिम म जादा काम नई करें के कारण निर्माता मन बने पात्र नही दिन, मजबूरी म कुछेक फिलिम म काम करिन फेर मेहनताना नई मिलिस। हिन्दी फिलिम खामोशी के गीत तुम पुकार लो तुम्हारा इंतज़ार हैं हेमन्त कुमार के गाय गीत भईया लाल के आवाज रिकॉर्ड होय हे जेन लोगन मन के गजब मन भाया।
मान सम्मान : आपके गीत आमार सोनार बांग्ला आकासवानी रायपुर ले पहली बार प्रसारित बांग्ला देश के आजाद होय म होय रहिस। छत्तीसगढ़ सरकार ले जो सम्मान के हकदार रहिस ओ नई मिल पाइस। सूचना प्रसारण मंत्रालय द्वारा रिकार्डिंग क्षेत्र म उत्कृष्ठ काम करे खातिर आप लाइफ टाइम अचीवमेंट अवॉर्ड से सम्मानित होय हव। बेहतरीन अभिनय बर छत्तीसगढ़ फिल्म फेयर अवार्ड घलो मिले हे। 2007 म अखिल भारतीय शाकाहार परिषद डोंगरगांव ले सम्मान, 1993 म छत्तीसगढ़ लोककला महोत्सव भिलाई इस्पात संयंत्र के तरफ ले सम्मान मिले हे।
*छत्तीसगढ़ी गीत संगीत :* छत्तीसगढ़ी गीत के संग हिन्दी गीत भी सुमधुर आवाज म गावय। मंच अऊ रिकार्डिंग म आप अनुराग ठाकुर, कविता वासनिक, महादेव हिरवानी संग मिलके कई गीत गायेव। आपके छत्तीसगढ़ी गीत - हम तोरे संगवारी कबीरा रे, मन डोले रे माघ फगुनवा, चल सहर जाबो रे संगवारी, छनर छनर पैरी बाजे, झन आंजबे टूरी काजर, खनर खनर चुड़ी बाजे, छुट जाही ओ परान, तोर बाली हे उमरिया, धन धन रे मोर किसान, बेलबेलही टूरी इंकर अलावा अऊ बहुत अकन गाना म अपन आवाज देके अमर होगेव। मशहूर अभिनेता गायक उदघोसक बेहतरीन व्यक्तित्व अऊ जबर रंगकर्मी भईया लाल हेड़ाऊ के जयंती के बेरा म उन ल सादर नमन जोहार।
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