निजीकरण के विरोध में मूलनिवासी समाज ने भरी हुंकार.........छत्तीसगढ़ समाचार TV

संतोष मरकाम ब्यूरो चीफ बस्तर संभाग- सर्व आदिवासी समाज और छत्तीसगढ़ पिछड़ा वर्ग कल्याण संघ व नगरनार प्रभावित क्षेत्र के संयुक्त तत्वाधान में चार सूत्रीय मांग को लेकर जगदलपुर से नगरनार तक विशाल रैली कर नगरनार प्लांट के सामने निजीकरण के विरोध को लेकर मूलनिवासी समाज ने सभा के माध्यम से हुँकार भरी। जिसमें प्रमुख मांग रहा
1. नगरनार स्टील प्लांट के निजीकरण के विरोध।
2. एनएमडीसी मुख्यालय हैदराबाद से बस्तर लाने।
3. शासकीय नौकरी में स्थानीय लोगों को प्राथमिकता देने।
4. जातिगत जनगणना करना।
विशाल सभा को संभागीय अध्यक्ष प्रकाश ठाकुर ने कहा कि हम सदन से सड़क की लड़ाई लड़ें। हम प्रधानमंत्री को मिलने के लिए समय मांगे लेकिन उन्होंने यहां के मूल निवासी को मिलने का समय नहीं दिया। जब नगरनार स्टील प्लांट को सार्वजनिक उपक्रम को देने के नाम पर ग्रामसभा में सहमति दी गयी थी जबकि अब निजी हाथों में देने की बात कही जा रही है, यदि ऐसा होता है तो गलत है जिसका हम पुरजोर विरोध करते हैं। हम सभी को मूलनिवासी समाज एकत्रित होकर लड़ाई लड़ने की जरूरत है। अगर निजी हाथों में दिया गया तो बैलाडीला से लोहा लाने नही देंगे। स्थानीय भर्ती में बस्तर संभाग से कोई भी शिक्षक भर्ती नहीं हो पा रहे हैं, सब पद पर बाहरी लोग भर्ती हो रहे हैं।
अश्वनी कांगे ने कहा कि जमीन अधिग्रहण करते समय सरकार ने कहा था कि स्थानीय लोगों को नौकरी देंगे बोले तो हम जमीन दिये । लेकिन अब सरकार द्वारा निजी कम्पनियों को दिया जा रहा है। अगर जमीन निजीकरण में चला गया तो हम कहां जायेंगे।आगे कहा कि संविधान ने सत्ता का विकेंद्रीकरण करते हुए ग्राम सभा को संवैधानिक अधिकार दिया कि ग्राम सभाएं अपनी समस्त योजनाओं के संचालन और संपदाओं के प्रबंधन और मालिकाना अधिकार प्राप्त है साथ ही समस्त प्रकार की योजनाओं के सुचारू रूप से क्रियान्वयन के लिए ग्राम सभा ही मुख्य अंकेषण कर्ता है। साथ ही समस्त वन संपदाओं के स्वामित्व के लिए ग्राम सभा ही सक्षम है।आज हम पांचवी अनुसूची क्षेत्रों के प्रशासन और नियंत्रण के लिए बने पेसा कानून के नियम बनाने के लिए बात कर रहे हैं तो यह भी जानना लेना जरूरी है ।
छत्तीसगढ़ पिछड़ा वर्ग कल्याण संघ के प्रदेश महासचिव कारिया दीवान ने कहा कि सबसे पहले निजीकरण हो रहा था ,तब यहां स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने कहा था कि हम पूरी सुविधा उपलब्ध करवायेंगे, आज निजीकरण कर के हमारे खेती बाड़ी को छीन रहे हैं। आज वही सरकार हमें धोखा दिया।
    छत्तीसगढ़ पिछड़ा वर्ग कल्याण संघ के प्रदेशाध्यक्ष ओम प्रकाश साहू ने कहा है आदिवासी समाज का कानून बना तो आदिवासी समाज का जमीन कोई नहीं खरीद सकता, उसी तरह ओबीसी के लिए कानून बने ओबीसी के लिए भी कानून बनाकर ओबीसी जमीन को ओबीसी खरीदने का कानून बनाये सरकार। तरुण धाकड़ ने कहा कि हम जमीन दिए हैं तो हमारा अधिकार होना चाहिए , हमारा स्थान मिलना । पेसा कानून के साथ मेसा कानून होना चाहिए।आदिवासी समाज युवा प्रभाग के प्रदेश उपाध्यक्ष ललित नरेटी ने कहा कि हम समाजवादी व्यवस्था की बात करते हैं और लगातार सार्वजनिक उपक्रमों को निजी हाथों में दिया जा रहा है यह पूंजीपतियों को लाभ पहुंचाने का काम कर अपने मित्रों को लाभ पहुचाने का कार्य कर रही हैं। आप छत्तीसगढ़ सरकार को दीजिए आप मित्रो को मत दीजिए । एनएमडीसी की मुख्यालय हैदराबाद से बस्तर में लाये जाना चाहिए ताकि संभाग के युवाओं को लाभ मिल सके। कार्यक्रम का स्वागत व उद्देश्य भाषण सरपंच लैखन कश्यप ने दिया। इस कार्यक्रम में संभाग भर के मूलनिवासी समाज के हजारों लोग उपस्थित थे।

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