संतोष मरकाम ब्यूरो चीफ बस्तर संभाग- जब पुरी दुनिया शिक्षा शब्द से भी परिचित नहीं हो पाया था तब हमारे महान पुरखों ने महान शिक्षा का केन्द्र गोटूल कि स्थापना किऐ थे जिसमें पृथ्वी पर जीवन की संभावनाओं को अनंतकाल तक निरंन्तर बनाऐ रखने की कोयतोरियन टेक्नोलॉजी पर भी विशेष कक्षाएँ संचालित होती थी हड़प्पा मोहनजोदड़ो राखिगड़ी चाहुन्दड़ो मेहरगढ़ आदि प्राचीनतम मुरियान- मेहुला- गोडियन सभ्यताओं मे भी गोटूल के साक्ष्य बड़ी मात्रा में प्राप्त हुऐ हैं विकसित देश ले देकर अभी खेल खेल मे शिक्षा कि वकालत कर रहे है।
जबकि गोटूल मे हजारों साल पहले से ही संगीत- खेल-नृत्य- प्राकृतिक तंरगो के सहसंयोजन से शिक्षा कि तकनीक विकसित कर लिए थे इस तकनीकी ज्ञान ने हमें उस दौर मे दुनिया के सबसे बड़े निर्यातक बनाया. धर्म आण्डम्बरो कुरुतियों व धनलोलुपता से मानव समुदाय को बचाऐ रखा इस पवित्रतम #गण्ड-गोण्ड-गोण्डवाना-गोटूल-गुडी-गायता-गोण्डी मे से एक महत्वपूर्ण कड़ी गोटूल जो आज लुप्त होने के कगार पर है इसे बचाने के लिए दक्षिण कांकेर सामाजिक प्रमुखों के मार्गदर्शन में 40 गाँव के जाबाज़ लया लयोरो द्वारा आज ठाकुर/गायता जोहारनी के अवसर पर सिंगारभाट भाट गोण्डवाना भवन के बाजू मे विधिवत गोटूल नेंग द्वारा स्थापना किया गया। कांकेर शहर के अंदर गोटूल कि स्थापना बस्तर संभाग के साथ ही पुरे देश गोण्डवाना के लिए एक मिल का पत्थर साबित होगी बस्तर संभाग के अलग अलग हिस्सों से आऐ लया लयोर नर्तक दलों व गोटूल सद्स्यों ने शानदार नृत्य गीत संगीत से हम सभी के साथ प्रकृति को भी थिरकने को मजबूर कर दिया इस गोटूल का नामकरण लिंगो पेन के प्रथम गोटूल के सम्मान में #किल्ले #कोर्र #रचा #परमाहसुर गोटूल सिंगारभाट कांकेर रखा गया पुरी दुनिया के लिए इक नई उम्मीद के साथ इस निजी महत्वाकांक्षाओं व वैमनस्यतापूर्ण प्रतियोगिता के दौर मे एक नई आशा के साथ आप सभी को बहुत बहुत सेवा जोहार!गोटूल जोहार!लिंगोन जोहार!जंगोन जोहार!
नारायण मरकाम
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