संतोष मरकाम ब्यूरो चीफ बस्तर संभाग- वर्षों से चली आ रहीं पारंपरिक रूढ़िगत भादोम जातरा, लिंगो मुदिया एवं सोनकुंवर बाबा के अगुआई में आज शनिवार 9 सितम्बर यानी आज खलारी मांझीनगढ में गढमावली याया के दरबार में होगा। बहुत से इतिहास, संकृति को संजोए हुए मांझीनगढ कोण्डागांव जिला के बड़े राजपुर ( विश्रामपुरी) में स्थित जिम्मेदारिन याया के पावन धरा ग्राम खलारी से महज 8 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है जहां पर अब आसानी से पहुंचा जा सकता है।
बस्तर बूम में स्थित कई गांवों का गढ़ मांझीनगढ़, पठार के रूप में बहुत बड़े भूभाग पर फैला हुआ है। मांझीनगढ़ का नाम मांझी के नाम पड़ा है। मांझीनगढ़ से जहां तक नजर जाती है वहां तक हरियाली ही हरियाली और प्रकृति विहंगम मनोरम दृश्य दिखाई देता है।
मांझीनगढ पहाड़ी के चारों तरफ बसे गांव के लोग अपने अपने देवी देवता एवं तेल हल्दी लेकर माई के दरबार में पहुंचेंगे। माई के समक्ष जांच होगा होगा। देवी देवताओं का जांच के दरमियान अगर कोई देवी देवता दोषी पाया जाता है तो उसको माई के द्वारा सजा सुनाया जायेगा।
👉मांझीनगढ़ पहाड़ी में खाल्लारी के प्रसिद्ध देवी गढ़मावली याया, निवासरत है
मांझीनगढ गढमावली याया के पुजारी मांझी हैं, साथ-साथ कई पेन पुरखों का उस गढ़ में निवासरत है, जहां पर पवित्र प्रसिद्ध स्थल है जिसमें सभी लोग आस्था और विश्वास के साथ उस स्थल पर सम्मिलित होते हैं। भादौं मास के शनिवार को ही यहां जातरा होता है। जातरा के एक दिन पूर्व नारं खलारी में गांव की सुख समृद्धि और गांव में कई प्रकार के महामारी को दूर करने के लिए गांव में माता पहुंचानी संपन्न हुआ, जिसमें गांव के प्रसिद्ध देवियों को गांव के हर गली घरों में परिक्रमा कराया गया।
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