मन्नू साहू / विवेक साहू नरहरपुर- 19 सितंबर मंगलवार को दोपहर 12 बजे से ही नगर में विभिन्ना स्थानों पर लगी मूर्तिकारों के दुकानों पर श्रद्धालु भगवान गणेश की प्रतिमा लेने के लिए पहुंचने लगे थे। मूर्तिकारों ने लंबोदर महाराज के विभिन्ना मोहक स्परूपों की मूर्तियां तैयार की हैं। जिन्हें उचित दक्षिणा लेकर उपलब्ध करा दिया ।
विभिन्न उत्सव समितियों के कार्यकर्ताओं ने सोमवार को ही पूजा पंडाल की साज-सज्जा को अंतिम रूप दें दिया था । लोग अपने घरों में भी गणेश प्रतिमाओं को बड़ी श्रद्धा भाव के साथ विराजें l वही पं. डॉक्टर लक्ष्मण शुक्ला का कहना है कि भाद्रपद के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी मंगलवार से गणेशोत्सव का पर्व शुरू हुई हैं जो इस बार मंगलवार को ही सारे योग-संयोग गणेशजी के जन्म के अवसर पर बने हैं l
दिन मंगलवार तिथि चतुर्थी, नक्षत्र चित्रा और मध्या काल यानी दोपहर का समय ये ही वो संयोग था जब पार्वती जी ने मिट्टी के गणेश बनाए थे और शिवजी ने उसमें प्राण प्रतिष्ठित किए थे। इसके अलावा भी कुछ दुर्लभ और शुभ योग बन रहे हैं इस बार गुरु ग्रह से देह स्थूल योग बन रहा है। इसे आसान भाषा में लंबोदर योग भी कहते हैं। जो कि गणेश का ही एक नाम है। साथ ही गणपति के जन्म काल के वक्त वीणा, वरिष्ठ, उभयचरी और अमला नाम के योग भी बनेंगे। इन पांच राजयोगों के बनने से इस बार गणेश स्थापना बेहद शुभ रहेगी।
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