संतोष मरकाम ब्यूरो चीफ बस्तर संभाग - कोंडागांव जिले के बड़ेराजपुर विकासखंड अंतर्गत आने वाले पठारिय ग्राम खल्लारी के मांझीनगढ में वर्षों से चली आ रही परंपरा के अनुसार प्रतिवर्ष की तरह इस वर्ष भी शनिवार को लिंगों मुदिया एवं सोनकुवंर बाबा की अगुवाई में गढमावली याया के दरबार में भादोम जातरा हुआ संपन्न। शुक्रवार को खलारी में माता पहुंचानी हुआ शनिवार को सुबह से आस पास के गांव से बड़ी संख्या में देवी देवताओं के साथ मांझीनगढ गढमावली के दरबार में सम्मिलित हुए।
प्रतिवर्ष भादोम मास के दिन शनिवार को ही यहां जातरा होता है। इस जातरा में मांझीनगढ पहाड़ी के चारों दिशाओं में निवासरत सभी गांव के लोग अपने-अपने पेन शक्तियों (देवी - देवता) पुरखो एवं तेल हरदी लेकर इस जातरा में सम्मिलित हुए। यहां सभी प्रमुख देवी देवताओं की उपस्थिति होने के बाद देवी देवताओं का परीक्षण हुआ । परीक्षण में जो देवी देवता दोषी पाए गए उन देवी देवताओं को सजा भी दिया गया । मानव जीवन में जिस तरह न्याय के लिए अदालत लगती है जहां पर लोगों को सजा सुनाया जाता है ठीक उसी प्रकार वर्ष में एक बार माई के दरबार में भी देवी देवताओं का अदालत में मुकदमा चलता है और जो देवी देवता दोषी पाया जाता है उनको गढमावली याया साल भर में सुधारने का आश्वासन देता है अत्यधिक गलती किए रहते हैं ऐसे देवी देवताओं को सजा भी सुनाता है।
परीक्षण के बाद जो देवी देवता परिवार का और गांव का नहीं हुआ ऐसे देवी को खाई के नीचे रवागनी (परित्याग - विसर्जित) किया गया । उसके बाद यहां सभी देवी - देवताओं की विशेष सेवा - अर्जी विनती होती है, जिसमें फल - फूल के साथ जीव सेवा भी दी गई। सेवा- अर्जी विनती के बाद पहाड़ी में ही रात्रि विश्राम कर सुबह सूर्य उदय से पहले मांझीनगढ़ से अपने अपने गांव की ओर प्रस्थान हुए। गांव खल्लारी में गाजे बाजे के साथ देवी देवताओं को गांव में प्रवेश करवाया गया साथ ही गांव के महिलाएं देवी देवताओं को पैर धुला कर आशीर्वाद लिए।
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