संतोष मरकाम ब्यूरो चीफ बस्तर संभाग- बस्तर के मूल निवासी आज भी अपने पारंपरिक व्यवस्था से आधारित है। कई दिनों से बारिश नहीं हो रहा था कई लोगों की खेत सूखा पड़ रहा था और कई खेतों में पानी ही नही था। जिसमें इस साल होने वाले फसल उत्पादन में बहुत सी दिक्कतें का सामना करना पड़ रहा था। मौसम विभाग ने कई बार अलर्ट किया फिर भी मौसम ही अटक गया था ।
बस्तर रियासत पर बसे खलारी गांव जहां बारिश के लिए अपने पुरखा भीमाल पेन को रेला नृत्य के साथ अच्छी बारिश के लिए अर्जी विनती किया गया और आज जैसे पेन पुरखों ने अपने मुखारविंद से अवशासन दिया था ठीक उसी समय में झमाझम बारिश होने लगा फिर भी लोग नहीं हटे रेल नृत्य करते डटे रहे। इस व्यवस्था परंपरा को गांव में निवासरत सभी समुदाय के लोग बखूबी से मानते हैं। यहा परंपरा व्यवस्था आज का नही है ये कई पीढ़ियों से चलते आ रहा है और गांव के लोग मानते आ रहे हैं। इस भीमाल रेला नृत्य में गांव के सभी मातृशक्ति पितृशक्ति युवा साथी उपस्थित रहे।
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